नई दिल्ली। नकली कैंसर दवा बिक्री के मामले में दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि मास्टरमाइंड अभी भी पकड़ से बाहर चल रहा है। चांदनी चौक के भागीरथ पैलेस मार्केट से चलने वाले नकली दवा गिरोह में शामिल आरोपियों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है।
इनकी शिनाख्त हरियाणा के सोनीपत निवासी नवदीप सैनी (33) और नॉर्थ ईस्ट दिल्ली स्थित सोनिया विहार निवासी कृष्ण कुमार पांडेय (38) के तौर पर हुई है। इस सिंडिकेट का सरगना नवीन आर्य अभी फरार है, जिसकी भागीरथ पैलेस में मैसर्स श्री राम इंटरनैशनल ट्रेडर्स के नाम से दुकान है। पुलिस इसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है।
क्राइम ब्रांच ने लक्ष्मी नगर, चांदनी चौक और द्वारका में एक साथ रेड कर मंडावली के नीरज कुमार, अनिल कुमार, बुध विहार के धनेश शर्मा, सोनीपत के धीरज कुमार, अशोक नगर के रोहित भाटी और जगतपुरी के ज्योति ग्रोवर को गिरफ्तार किया था। इनसे काफी तादाद में नकली, इंपोर्टेड, गैर-पंजीकृत और नॉट फॉर सेल इन इंडिया वाली एंटी कैंसर मेडिसन मिलीं। इनमें सेटुक्सीमब, ओपडिवो और लेनवाटिनिब, ओमालिज़ुमैब, वेनेटोक्लैक्स, डुपिलमैब, मिसिजुमैब और पेम्ब्रोलिजुमैब प्रमुख हैं। इन्हें ड्रग डिपार्टमेंट ने नकली या अवैध करार दिया था।
डीसीपी विक्रम सिंह और एसीपी यशपाल सिंह की निगरानी में इंस्पेक्टर आशीष शर्मा की टीम मामले की जांच कर रही है। खुलासा हुआ कि सरगना नवीन आर्य है। आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस ने सोनीपत से इसके सहयोगी नवदीप सैनी और सोनिया विहार से कृष्ण कुमार पांडेय को अरेस्ट किया। यह दोनों नकली या अवैध दवा की सप्लाई करते थे। आरोपी कृष्ण कुमार पांडेय कैंसर की नकली दवा के मामले में 2022 में भी पकड़ा जा चुका है और करीब आठ महीने तक जेल में रहा। जमानत मिलने के बाद वह दोबारा गिरोह से जुड़ गया।
पुलिस के अनुसार साइबर सेल ने नवीन को 2024 में भी कैंसर की नकली या अवैध दवा के मामले में अरेस्ट किया था। तीन महीने बाद जमानत लेकर बाहर आ गया था। दूसरी तरफ, कृष्ण कुमार पांडेय को 2022 में कैंसर की नकली दवा के रैकेट से जुड़े होने के आरोप में अरेस्ट किया था। यह जिस गैंग में था, उसने सोनीपत में नकली दवा बनाने की फैक्ट्री लगा रखी थी। गाजियाबाद में इसे स्टॉक किया जाता था। अंदेशा है कि नकली या अवैध दवा के दो गिरोह के मेंबर्स ने नया गठजोड़ बना लिया है।