जिनेवा : WHO के महानिदेशक डॉ. ट्रेडोस एडनॉम घेबियस ने कहा कि ओमिक्रॉन डेल्टा की तुलना में कम गंभीर प्रतीत होता है और विशेष रूप से टीकाकरण वाले लोगों में यह कम गंभीर है. मगर इसका मतलब यह नहीं है कि इसे पिछले वैरिएंट की तरह ही माइल्ड (हल्का) के तौर पर मान लेना चाहिए.

उन्होंने चेताते हुए कहा कि ओमिक्रॉन की वजह से लोग अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं और उनकी जान भी ले रहा है.
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि वास्तव में, मामलों की सुनामी इतनी बड़ी और तेज है, कि यह दुनिया भर में स्वास्थ्य प्रणालियों पर भारी पड़ रही है.

स्वास्थ्य निकाय के महानिदेशक ने आगे कहा कि पहली पीढ़ी के टीके सभी संक्रमणों और संचरण को रोक नहीं सकते हैं, लेकिन वे अस्पताल में भर्ती होने और इस वायरस से होने वाली मृत्यु को कम करने में अत्यधिक प्रभावी रहते हैं.

उन्होंने कहा कि टीकाकरण के साथ-साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य सामाजिक उपाय, जिसमें अच्छी तरह से फिटिंग वाले मास्क पहनना, दूरी बनाना, भीड़ से बचना और वेंटिलेशन में सुधार करना आदि शामिल है, वायरस को सीमित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं.

सीएसएसई के अनुसार, दुनिया के सबसे अधिक मामलों और मौतों (क्रमश: 57,649,131 और 832,061) के साथ अमेरिका सबसे ज्यादा प्रभावित देश बना हुआ है. मामलों के बारे में बात करें तो दूसरा सबसे प्रभावित देश भारत (35,018,358 संक्रमण और 482,551 मौतें) है. इसके बाद ब्राजील (22,328,252 संक्रमण और 619,654 मौतें) तीसरे नंबर पर हैं.