मुंबई। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सॉलिडेरिटी ट्रायल के तहत कोरोना संक्रमित मरीजों पर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन के परीक्षण पर लगाई रोक को हटा लिया है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. तेद्रोस गेब्रियेसस ने बताया कि सॉलिडेरिटी ट्रायल में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन (एचसीक्यू) को लेकर उपजी चिंताओं के बीच पिछले सप्ताह इस दवा के इस्तेमाल पर अस्थायी रोक लगाई गई थी। ऐसा एहतियात के तौर पर किया गया था। इस दौरान सॉलिडेरिटी ट्रायल की डाटा सुरक्षा एवं निगरानी समिति ने परीक्षण के आंकड़ों का अध्ययन किया है। समिति की अनुशंसा में कहा गया है कि परीक्षण के प्रोटोकॉल में बदलाव की जरूरत नहीं है। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि समिति की अनुशंसा के आधार पर सॉलिडेरिटी ट्रायल के कार्यकारी समूह ने एचसीक्यू समेत सॉलिडेरिटी ट्रायल में शामिल सभी दवाओं का परीक्षण जारी रखने का फैसला किया है। सॉलिडेरिटी ट्रायल में 35 देशों के 3,500 से अधिक मरीज हिस्सा ले रहे हैं। उन पर चार प्रकार की दवाओं या दवाओं के कॉम्बिनेशन का परीक्षण किया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामिनाथन ने कहा कि एचसीक्यू के कारण कोविड-19 के मरीजों की मृत्यु दर बढऩे की कुछ रिपोर्टों के आधार पर डब्ल्यूएचओ ने सॉलिडेरिटी ट्रायल में इस दवा का परीक्षण रोका था।