नई दिल्ली। ज़ाइडस फार्मा कैंसर की निवोलुमैब जैसी किसी भी जैविक दवा का निर्माण नहीं कर सकेगी। इस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। पेटेंट की अवधि 20 वर्ष है।

कोर्ट ने ‘ओपडिवो’ ब्रांड नाम से बेची जाने वाली कैंसर की दवा निवोलुमैब जैसी किसी भी जैविक दवा के निर्माण व बिक्री पर रोक लगाई है। कोर्ट ने ज़ाइडस के खिलाफ पेटेंट उल्लंघन के केस में निवोलुमैब की निर्माता कंपनी ई.आर. स्क्विब एंड संस एलएलसी के पक्ष में अंतरिम आदेश पारित किया। कंपनी ने ज़ाइडस के खिलाफ स्थायी निषेधाज्ञा की मांग करते हुए मुकदमा दायर किया था।

मुकदमे के पेटेंट की अवधि 20 वर्ष है। यह 2 मई 2006 से शुरू होकर 2 मई 2026 को समाप्त होगी। ज़ाइडस लाइफसाइंसेज की सहयोगी कंपनी ज़ाइडस हेल्थकेयर लिमिटेड ने अनुदान के बाद एक विरोध दायर किया था, जो अभी लंबित है। ज़ाइडस लाइफसाइंसेज ने अपने जैव-समान के लिए एक नैदानिक परीक्षण पंजीकृत किया। इसमें उत्पाद निवोलुमैब का उल्लेख किया था और ‘ओपडिवो’ को संदर्भ उत्पाद के रूप में पहचाना था।