मुंबई। एचआईवी एड्स की बेहद सस्ती दवा का निर्माण किया गया है। अनुमान लगाया जार रहा है कि अमेरिकी कंपनी द्वारा निर्मित यह दवा गेम चेंजर साबित हो सकती है। इससे जानलेवा और लाइलाज बीमारी एड्स का सस्ता और असरदार इलाज आम लोगों तक की पहुंच में होगा।
अमेरिकी कंपनी गिलियड ने तैयार की यह वैक्सीन
अमेरिकी फार्मास्युटिकल दिग्गज कंपनी गिलियड ने एचआईवी की इस असरदार एंटीरेट्रोवायरल लेनाकापाविर को तैयार किया है। इस दवा को एचआईवी के खिलाफ लड़ाई में गेम-चेंजर के रूप में देखा जा रहा है। इसे साल में दो बार टीके के रूप में दिया जाता है, लेकिन अभी यह दवा बहुत महंगी है। इस कारण आम आदमी की पहुंच से बाहर है। इसकी दो खुराक की कीमत 40 हजार डॉलर (लगभग साढ़े 33 लाख रुपये) बैठती है।
शुरुआती ट्रायल में पाया गया है कि एचआईवी संक्रमण को रोकने में यह वैक्सीन 100 प्रतिशत असरदार है। इसे एक साल में केवल दो बार इंजेक्ट करने की आवश्यकता होती है।
रिसर्च में देखा गया कि अगर दवा निर्माता गिलियड ने सस्ते जेनेरिक इंजेक्शन के निर्माण की अनुमति दी तो दवा बनाने की लागत कितनी कम हो सकती है। शोध के अनुसार, एक साल की दवा को कम से कम 40 डॉलर में बनाया जा सकता है, जो कि मौजूदा कीमत से 1,000 गुना कम है। इस दवा की मदद से हम वास्तव में महामारी को कंट्रोल कर सकते हैं।