कैमिस्ट अब दवाओं का स्टॉक तय सीमा में ही रख सकेंगे

सीकर। कैमिस्ट के लिए दवाओं का स्टॉक अब तय सीमा में ही रखने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। यह कदम औषधि नियंत्रण विभाग ने नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए उठाया है। नए आदेशों के तहत 14 तरह की साइक्रोट्रोपिक दवाओं का स्टॉक तय सीमा में ही रखा जा सकेगा।

ड्रग कंट्रोलर अजय फाटक और राजाराम शर्मा ने 14 तरह की दवाओं की खरीद और बिक्री की सीमा तय कर दी है। खुदरा विक्रेता केवल पर्ची के आधार पर ही मरीज को दवाएं बेच सकेंगे। साथ ही दवा की बिक्री और खरीद के लिए अलग से एक रजिस्टर रखना अनिवार्य होगा। इस रजिस्टर की हर सप्ताह जांच की जाएगी।

नए आदेश से दवा दुकानदारों में रोष

साइकेट्री और अन्य बीमारियों के उपचार में काम आने वाली कई दवाओं पर स्टॉक लिमिट लगाने से दवा विक्रेताओं में आक्रोश है। हालांकि दवा डिपो, राजकीय मेडिकल संस्थान, अस्पताल व नशा मुक्ति केन्द्र व कैंसर के उपचार करने वाले संस्थान इस प्रतिबंध के दायरे में नहीं आएंगे।

इन दवाओं का स्टॉक तय किया

नए आदेश के अनुसार कोडिन बेस्ड कफ सीरप, डीफेंक्सोलेट व पेंटाजोनिक, बूप्रीनोरपिन, क्लोरडाइजेपोक्साइड, डाइजापॉम, क्लोनजापॉम, ट्रामाडोल, टेपेंटाडोल, प्रेगाबिलिन, गाबापेंटिन साल्ट वाली दवाएं जो टेबलेट, कैप्सूल या इंजेक्शन किसी भी अन्य दवा के काम्बिनेशन का स्टॉक निर्धारित किया गया है। वहीं नाइट्राजेपॉम, अल्प्राजोलम,इटीजोलम केप्सूल व टेबलेट का स्टॉक भी तय रहेगा।

नशीली दवाओं के कारोबार में काफी समय से तेजी देखी जा रही है। इसके पीछे नशीली दवाओं का सस्ता होना माना जा रहा है। यह नशे के अन्य विकल्पों की तुलना में भी सस्ता है। दवाओं की बिक्री और खरीद पर प्रतिबंध नहीं होने के कारण कई दुकानदार बिना बिल के इन दवाओं की सप्लाई करते हैं।

जिले में कई बार बिना बिल की नशीली दवाएं भारी मात्रा में पकड़ी जा चुकी हंै। जबकि इन दवाओं को आमतौर पर मानसिक बीमारियों, एंजाइटी, डिप्रेशन, मिग्री और दर्द निवारक के रूप में उपयोग में लिया जाता है। अब स्टॉक सीमा तय होने से दवा दुकानदार पूर्व में ली गई दवाओं का पूरा हिसाब देकर ही नई सप्लाई मंगवा पाएंगे।