दवाइयां 1 अप्रैल से हो जाएंगी महंगी, आपकी जेब पर पड़ेगा असर

हाई बीपी

नई दिल्ली। जरूरी दवाइयां 1 अप्रैल से महंगी हो जाएंगी। चौक गए ना आप! जी हां, यह सच है। सरकार दवा कंपनियों को एनुअल होलसेल प्राइज इंडेक्स में बदलाव के अनुरूप बढ़ोतरी की अनुमति देने के लिए पूरी तरह तैयार है। बताया गया है कि महंगाई को देखते हुए फार्मा कंपनियों ने दवाओं की कीमत बढ़ाने की मांग उठायी थी।

कितनी बढ़ेंगी कीमतें?

सरकार दवाओं के दामों में .0055 प्रतिशत की वृद्धि की अनुमति देने के लिए तैयार है। जरूरी दवाओं की राष्ट्रीय सूची (एनएलईएम) के तहत दवाओं की कीमतों में पिछले साल और 2022 में रिकॉर्ड 12 प्रतिशत और 10 प्रतिशत की भारी वार्षिक वृद्धि हुई थी। इस अनुपात में फार्मा उद्योग के लिए यह मामूली वृद्धि होगी। जरूरी दवाओं की राष्ट्रीय सूची में शामिल 800 से अधिक दवाएं शामिल होंगी। बता दें कि अनुसूचित दवाओं के मूल्य परिवर्तन की अनुमति वर्ष में एक बार दी जाती है.

जरूरी दवाओं में उनके नाम शामिल होते हैं जो अधिकतर लोगों के काम में आती हैं। बता दें कि इन दवाओं की कीमत सरकार के कंट्रोल में होती है। इन दवाओं की कंपनी एक साल में सिर्फ 10 प्रतिशत ही दाम बढ़ा सकती है। इस लिस्ट में एंटी कैंसर की दवाएं भी शामिल होती हैं।

ये दवाइयां होंगी महंगी

जरूरी दवाओं में पेरासिटामोल जैसी दवाएं, एज़िथ्रोमाइसिन जैसी एंटीबायोटिक्स, एनीमिया-विरोधी दवाएं, विटामिन और खनिज शामिल हैं। मध्यम से गंभीर रूप से बीमार कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए कुछ दवाएं और स्टेरॉयड भी लिस्ट में हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में कई प्रमुख सक्रिय फार्मास्युटिकल सामग्रियों की कीमतें 15 प्रतिशत से 130 प्रतिशत के बीच बढ़ी हैं।

इसमें पेरासिटामोल की कीमत 130 प्रतिशत और एक्सीसिएंट्स की कीमत 18-262 प्रतिशत बढ़ी है। ग्लिसरीन और प्रोपलीन ग्लाइकोल, सिरप, सहित सॉल्वैंट्स क्रमश: 263 प्रतिशत और 83 प्रतिशत महंगे हो गए हैं। इंटरमीडिएट्स की कीमतें भी 11 प्रतिशत से 175 प्रतिशत के बीच बढ़ी हैं। पेनिसिलिन जी 175 प्रतिशत महंगा हो गया है।