नशीली हर्बल सिरप की 45 करोड़ की तस्करी का भंडाफोड़

राजकोट (गुजरात)। सिलवासा से नशीले हर्बल सिरप की तस्करी का भंडाफोड़ हुआ है। तस्करी में लगे रैकेट ने केवल सौराष्ट्र में ही 45 करोड़ रुपये की बोतलें बेच डाली। इस रैकेट ने नशीली हर्बल सिरप की दो करोड़ बोतलें साल 2020 के दौरान बिक्री की है। इस बात का खुलासा अब हुआ है।

जमानत पर था मास्टर माइंड

बता दें कि पुलिस ने हाल ही में सिलवासा में एक फैक्ट्री पर छापा मारा था। यहां से एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया गया था। इस मामले में पूर्व टेलीकॉम कंपनी के मालिक सुनील कक्कड़ सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया था। सुनील कक्कड़ 800 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में जमानत पर थे।  आरोपियों ने दादरा और नगर हवेली से गुजरात में दो करोड़ बोतलों की तस्करी की थी।

माल्टेड जौ की अधिकतम मात्रा

देवभूमि द्वारका जिले के पुलिस अधीक्षक नितेश पांडे के अनुसार आरोपियों ने बीयर और वाइन बनाने के विशेषज्ञों को अपने यहां काम पर रखा था। जांच में पता चला कि तरल की सामग्री में माल्टेड जौ की अधिकतम मात्रा थी। बियर जैसी कड़वाहट देने के लिए होप फूल के बीज के अर्क इस्तेमाल किया गया। आयुर्वेद विशेषज्ञों का कहना है कि आसव और अरिष्ट औषधियां बनाने में कभी भी माल्टेड जौ का उपयोग नहीं किया जाता। बरामद की गई बोतलों पर इन दोनों दवाओं के लेबल लगे थे।

चार और नाम आए सामने

आरोपियों से पूछताछ में चार और नाम भी सामने आए। इनमें फैक्ट्री के मालिक और निवेशक संजय शाह शामिल हैं। मेहुल डोडिया, एक सेवानिवृत्त निषेध और उत्पाद शुल्क अधिकारी, राजेश डोडके, जिन्हें बिक्री और विपणन का काम सौंपा गया था। दूसरे व्यक्ति का नाम पंकज वाघेला है। वह अभी तक गिरफ्तारी से बाहर हंै।

गुजरात में बिक्री की बनाई योजना

इस रैकेट ने विशेष रूप से गुजरात में बिक्री के लिए अल्कोहलिक सिरप बनाने की योजना बनाई । इसके लिए सिलवासा में हरबोग्लोबल फार्मास्युटिकल कंपनी लिमिटेड (एचबीजी) नामक कंपनी की स्थापना की थी। शाह ने इस कंपनी का गठन किया। उत्पादन और विपणन को संभालने के लिए मास्टरमाइंड कक्कड़ 2021 में शामिल हो गए।

लेबल पर लिखी कोई जड़ी-बूटी नहीं मिली

हैरानी की बात ये है कि गिरफ्तार आरोपियों में से एक अमित वासवदा उत्पादन का प्रभारी था। वह आयुर्वेद के बारे में कोई भी जानकारी नही रखता था। पुलिस ने आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के साथ इस उत्पाद का सत्यापन किया। जांच में पता चला कि इसमें बोतल के लेबल पर लखिी गई कोई भी जड़ी-बूटी नहीं थी।