चंडीगढ़। पंजाब काउंसिल ने 100 फर्जी फार्मासिस्टों का रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया है। आरोप है कि इन फार्मासिस्टों ने डिप्लोमा पाने के लिए फर्जी शैक्षणिक दस्तावेज जमा करवाए थे। इनकी जांच के बाद पंजाब राज्य फार्मेसी काउंसिल ने रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर डाले। यही नहीं, फर्जी फार्मासिस्टों का ब्यौरा संबंधित जिले की पुलिस को सौंपकर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
यह है मामला
पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने डी-फार्मेसी घोटाले का भंडाफोड़ किया था। इसके बाद पंजाब राज्य फार्मेसी काउंसिल ने फार्मेसी डिप्लोमा से संबंधित शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है। अब तक की जांच के दौरान सैकड़ों फार्मासिस्टों के दस्तावेजों में अनियमितताएं पाई गई हैं।
परिषद ने प्रक्रिया को ऑनलाइन किया
पंजाब राज्य फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉ. जसबीर सिंह के अनुसार डी फार्मेसी घोटाला सामने आने के बाद राज्य फार्मेसी काउंसिल रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पर सख्त नजर है। अनियमितताएं रोकने के लिए परिषद ने इस प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया है। काउंसिल ने शैक्षिक दस्तावेज जांच में फर्जी मिलने वाले फार्मासिस्टों का रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया है। शेष फार्मासिस्टों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों का जांच पड़ताल की जा रही है।
फार्मेसी कॉलेजों के प्रशासकों से पूछताछ शुरू
बताया गया है कि पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने भी राज्य के फार्मेसी कॉलेजों के प्रशासकों और कर्मचारियों से पूछताछ शुरू कर दी है। पंजाब में डी फार्मेसी उपलब्ध कराने वाले 100 से अधिक निजी संस्थान हैं, जबकि 6 सरकारी संस्थान हैं। फर्जी दस्तावेजों से कॉलेज स्टाफ का कनेक्शन और कॉलेज व गिरोह के सदस्यों के काम करने के तरीके सभी की गहनता से जांच की जा रही है।
पहले हो चुकी गिरफ्तारियां
हाल ही में विजिलेंस ब्यूरो ने आदेश इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च, बठिंडा के अधिकारियों को फर्जी डी. फार्मेसी डिप्लोमा जारी करने के मामले में गिरफ्तार किया था। फर्जी प्रमाणपत्र जमा करने वालों ने बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा से 10वीं और 12वीं कक्षा के फर्जी दस्तावेज पेश किए हैं।