मेडिकल स्टोर संचालक अब नहीं कर पाएंगे गड़बड़ी, औषधि नियंत्रण विभाग हुआ अलर्ट

कैथल। मेडिकल स्टोर संचालक अब दवा बेचने और उसका रिकॉर्ड रखने में कोई गड़बड़ी नहीं कर सकेंगे। इसके लिए जिला औषधि नियंत्रण विभाग अलर्ट हो गया है। विभाग ने एक ऐप शुरू किया है। साथी नाम के इस ऐप के जरिए सभी प्रकार की दवाइयों का पूरा रिकॉर्ड ऑनलाइन किया जा सकेगा। जिला औषधि नियंत्रण विभाग इस ऐप को लेकर दवा दुकानदारों को ट्रेनिंग दे रहा है। मेडिकल स्टोर संचालकों को यह ऐप अपने मोबाइल या कंप्यूटर में डाउनलोड करना जरूरी बताया गया है।

ऐप में डालनी होगी दवा बिक्री की जानकारी

किस दवा का कितना ऑर्डर दिया, कितना मिला और किस को बेचा, इसकी पूरी जानकारी ऐप पर अपलोड करनी होगी। विभाग द्वारा यह सारी कवायद दवा की आड़ में नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए की जा रही है। जिला औषधि नियंत्रण विभाग इसके लिए मेडिकल स्टोर संचालकों सहित नशा तस्करों के खिलाफ पुलिस के सहयोग से अभियान चला रहा है। इसके अलावा मेडिकल स्टोर संचालकों को नशीली दवा एवं प्रतिबंधित दवा नहीं बेचने और दवा का रिकॉर्ड व्यवस्थित करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

ऐप के बारे में दी जा रही है ट्रेनिंग

जिला औषधि नियंत्रण विभाग की तरफ से इस ऐप को लेकर ट्रेनिंग दी जा रही है। अब तक चीका, ढांड, राजौंद, कौल में दवा विक्रेताओं को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। कैथल, सीवन व कलायत में भी जल्द ही मेडिकल स्टोर संचालकों को ट्रेनिंग दी जाएगी। केमिस्टों को जानकारी दी जा रही है कि किस तरह से दवाइयों का रिकार्ड रखना है और किन दवाइयों की बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित है।

रेफ्रिजरेटर बंद मिला तो लाइसेंस होगा कैंसिल

दवा को अनुकूल माहौल देने के लिए रेफ्रिजरेटर में रखा जाता है। कई मेडिकल स्टोर संचालक रात में घर जाते समय रेफ्रिजरेटर बंद कर देते हैं। इसकी अब सीसीटीवी कैमरे द्वारा मानिटरिंग की जाएगी। इसके लिए जिला औषधि नियंत्रण विभाग ने मेडिकल स्टोर संचालकों को नाइट विजन वाले सीसीटीवी कैमरा लगाने के आदेश दिए हैं। विभाग के निरीक्षण में यदि रिकार्डिंग में मेडिकल स्टोर संचालक रेफ्रिजरेटर बंद करता पाया गया तो उसका लाइसेंस रद किया जाएगा।