मेडिसिन और मेडिकल उपकरणों की कीमत तय करने के नियमों में होगा सुधार

नई दिल्ली। मेडिसिन और मेडिकल उपकरणों की कीमत तय करने के नियमों में जल्द ही सुधार होगा। केंद्र सरकार ने इसके लिए सुझाव देने के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है।

सूत्रों के अनुसार नए औषधि मूल्य नियंत्रण आदेश पर काम हो रहा है। दरअसल, मौजूदा डीपीसीओ 2013 से लागू है और यह 11 साल पुराना हो चुका है। समय-समय पर मूल्य निर्धारण को लेकर नियमों की समीक्षा की जाती है।

समिति में ये हैं शामिल

मार्च में जारी एक अधिसूचना में औषधि विभाग ने कहा कि अधिकृत प्राधिकारी की मंजूरी के बाद औषधि एवं मेडिकल उपकरणों के मूल्य निर्धारण ढांचे में सुधार के लिए समिति गठित की गई है। समिति में 3 प्रमुख सदस्य सचिव, राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण के अध्यक्ष और वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार शामिल होंगे।

इसमें इंडियन फॉर्मास्यूटिकल अलायंस के महासचिव और इंडियन ड्रग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के सीईओ उद्योग से दो आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल होंगे। यह समिति 3 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

डीओपी की अधिसूचना में कहा गया है कि समिति एनपीपीए के भीतर संस्थागत सुधारों पर विचार करेगी। वह इस बात पर गौर करेगी कि उद्योग की टिकाऊ वृद्धि व निर्यात को प्रोत्साहन देते हुए किस तरह से आवश्यक दवाओं की उपलब्धता और कीमत में संतुलन बनाए रखा जाए। वहीं, समिति उद्योग के प्रोत्साहन के लिए मेडिकल उपकरणों के लिए एक मूल्य सुधार ढांचा तैयार करेगी।

मेडिसिन

इसके अलावा समिति नई औषधि एवं मेडिकल उपकरण (नियंत्रण) आदेश का मसौदा भी तैयार करेगी। आईडीएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष विरंची शाह ने कहा कि यह एक नियमित कवायद है, जो समय-समय पर की जाती है। दवा उद्योग का मानना है कि नए डीपीसीओ पर काम चल रहा है और यह अगले साल लागू हो सकता है।