मेडिसिन के रेट नहीं बढ़ेंगे इस साल, आमजन को मिलेगी राहत

मेडिकल स्टोर

नई दिल्ली। मेडिसिन के दामों में इस साल बढ़ोतरी नहीं की जाएगी। यह दवा खरीदने वाले लोगों के लिए राहत भरी खबर है। दरअसल, थोक मूल्य सूचकांक में मामूली बदलाव हुआ है। इसके चलते आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (NLEM) में शामिल दवाओं के रेट बढऩे की संभावना नहीं है।

बता दें कि थोक मूल्य सूचकांक (WPI) में बदलाव के अनुसार ही राष्ट्रीय सूची में शामिल दवाओं के दाम बदलते है। बीते दो वर्षों 2023 में कीमत में 12.12 प्रतिशत और 2022 में 10.7 प्रतिशत की वृद्धि हो चुकी है।

NLEM में शामिल दवाओं की अधिकतम कीमत राष्ट्रीय औषधि मूल्य प्राधिकरण (एनपीपीए) तय करता है। पिछले साल डब्ल्यूपीआई में बदलाव के सापेक्ष कीमत में सालाना बदलाव की अनुमति दी गई थी।

वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार दवा उद्योग की गणना के मुताबिक वर्ष 2023 में पहले साल की अपेक्षा 0.0165 प्रतिशत बदलाव हुआ। इसलिए NLEM दवाओं की कीमत में कोई बदलाव नहीं होने वाला है। इस बात की पुष्टि दो उद्योग संगठनों ने की है कि ग्राहकों के लिए दवाओं की कीमत पहले के समान ही बनी रहेगी।

एक उद्योग संगठन के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि NPPA NLEM दवाओं की कीमत में बदलाव की घोषणा मार्च में करेगा। यह अप्रैल 2024 से लागू माना जाएगा। ऋणात्मक बदलाव को लेकर स्पष्टता का इंतजार है। इसे लागू करने पर कीमत में 0.0165 प्रतिशत की कमी आएगी। इस वजह से बाजार से दवाएं वापस मंगानी पड़ेंगी। साथ ही मौजूद दवाओं पर दोबारा कीमत लगानी होगी। बहरहाल, ग्राहकों पर व्यावहारिक रूप से आवश्यक दवाओं की कीमतों का असर नहीं पड़ेगा।

इंडियन फार्मास्यूटिकल्स अलायंस के महासचिव सुदर्शन जैन का कहना है कि अनुसूची एम अधिसूचित किए जाने के साथ उद्योग और सरकार का ध्यान अब दवाओं की गुणवत्ता मानकों को सुनिश्चित करने पर रहेगा। उन्होंने बताया कि दवाओं के दामों में हाल की बढ़ोतरी से महंगाई पर असर नहीं पड़ा है। ऐसे में फार्मा कंपनियों ने दवाओं के रेट में मामूली वृद्धि की है।