नई दिल्ली: ईद के मुबारक मौके पर जब पूरे देश में अमन-चैन की दुआ मांगी जा रही थी तब मुंबई के अंधेरी स्थित ईएसआईसी मॉडल हॉस्पिटल का नर्सिंग स्टाफ अधिकारों की लड़ाई को राष्ट्रीय रूप देने की रणनीति पर मंथन कर रहा था। तबादला नीति में प्रबंधन की मनमानी के खिलाफ पिछले छह दिनों से काम छोड़ अनशन पर बैठे नर्सिंग स्टाफ ने काली पट्टी बांध कर काम करने पर विचार करेंगे ताकि रोगियों का इलाज प्रभावित न हो।
समर्थन में ऐसा विरोध देशभर के अस्पतालों में शुरू हो गया है। हैदराबाद, कोलकाता, राजस्थान, महाराष्ट्र में नर्सों ने काली पट्टी बांधकर ड्यूटी निभाई। वहीं, देश के बड़े नर्सिंग संगठन एआईजीएनएफ की राष्ट्रीय महासचिव जी.के. खुराना ने ईएसआईसी नर्सिंग स्टाफ के संघर्ष को समर्थन देते हुए कहा कि नीतिगत मुद्दों पर प्रबंधन की मनमानी किसी सूरत में सहन नहीं होगी। संगठन ईएसआईसी के उच्च अधिकारियों से बात करेगा। जरूरत पड़ी तो मंत्रालय को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग करेंगे ताकि नर्सों के साथ अन्याय न हो।
ईएसआईसी के चिकित्सा आयुक्त डॉ. आरके कटारिया ने दो टूक कहा कि नर्सिंग स्टॉफ की लड़ाई अधिकारों की नहीं बल्कि एसोसिएशन के उपाध्यक्ष कैलाश दयाल का तबादला रुकवाने की है, जो सरासर गलत है। प्रबंधन ने फिलहाल हड़ताली कर्मचारियों को नोटिस दे दिया है। अगर शीघ्र काम पर नहीं लौटे तो कानूनी कार्रवाई करने को बाध्य होंगे। डॉ. कटारिया ने कहा कि लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी। महानिदेशक दीपक कुमार भी पूरे मामले पर बराबर नजर रख रहे हैं।
उधर, ईएसआईसी नर्सेज एसोसिएशन के महासचिव एवं एआईजीएनएफ के सदस्य जोधराज बैरवा ने कहा कि स्थानीय अस्पताल प्रबंधन का अडियल रवैया इस विकट स्थिति का कारण है। एक्टिंग एमएस डॉ. राजीव गुरुमुखी के बाद एमएस डॉ. आभा जैन से भी एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की ताकि बातचीत से शीघ्र समस्या का निवारण हो सके। क्योंकि पिछले सात दिनों से गंभीर रोगी अस्पताल से मायूस लौट रहे हैं। हड़ताली कर्मचारियों के मुताबिक, प्रबंधन जानबूझकर ऐसे रोगियों को दाखिल कर रहा है, जिन्हें मामूली उपचार की जरूरत है जबकि भारी पीड़ा झेल रहे मरीजों को अव्यवस्था के कारण चलता कर दिया जाता है। आलम यह है कि करीब 350 बिस्तरों वाले इस मॉडल अस्पताल में आधे से अधिक बैड खाली पड़े हैं। एसोसिएशन का आरोप है कि मरीजों को टे्रनी नर्सों के हवाले किया जा रहा है, जिससे कोई भी अनहोनी हो सकती है। उधर, प्रबंधन इस बात से पूरी तरह इनकार कर रहा है कि नर्सों की हड़ताल से किसी तरह का काम प्रभावित हुआ है।