नई दिल्ली। अपोलो अस्पताल और उसके दो डॉक्टर्स पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यह जुर्माना राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने चिकित्सीय लापरवाही के एक मामले में लगाया है। और उसके दो चिकित्सकों पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
यह है मामला
राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में आए मामले के अनुसार चेन्नई के अपोलो स्पेशलिटी अस्पताल में एक मरीज की अप्रैल 2015 में रीढ़ की हड्डी की सर्जरी हुई थी। इसके बाद मरीज की देखभाल में अस्पताल और उसके दो चिकित्सकों की ओर से भारी लापरवाही बरती गई। सर्जरी के बाद मरीज को होश नहीं आया और वह अचेतावस्था में रहा। शिकायत लंबित रहने के दौरान अप्रैल 2017 में उक्त मरीज की मौत हो गई।
सर्जरी के बाद मरीज को नहीं आया होश
इस संबंध में मरीज के बेटे और पत्नी ने अपोलो स्पेशलिटी हॉस्पिटल चेन्नई, सर्जन साजन के हेगड़े और वसंत रूपन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता मधुकर पांडे पेश हुए। शिकायत के अनुसार, मरीज की 20 अप्रैल, 2015 को चेन्नई के अपोलो स्पेशलिटी अस्पताल में रीढ़ की हड्डी की सर्जरी हुई। लेकिन अस्पताल और चिकित्सकों की लापरवाही के कारण उसे कभी होश नहीं आया।
एनेस्थेटिस्ट ने प्रयास क्यों नहीं किया
मामले में एनसीडीआरसी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एपी साही ने कहा कि यह समझ में नहीं आ रहा है कि एनेस्थेटिस्ट ने प्रयास क्यों नहीं किया और सीटी स्कैन के लिए इंतजार करने का विकल्प चुना। आयोग ने सेवाओं में कमी के लिए एनेस्थेटिस्ट डॉ. वसंत रूपन पर 10 लाख रुपये, डॉ. हेगड़े पर 5 लाख रुपये और इस स्थिति को बिगडऩे देने के लिए अस्पताल पर 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। आयोग ने मुकदमे के खर्च के रूप में शिकायतकर्ताओं को 50,000 रुपये का भुगतान किए जाने का भी निर्देश दिया।