नई दिल्ली। मच्छरजनीत रोगों से अब घबराने की जरूरत नहीं है। इंसान को काटने पर अब मच्छर खुद ही मर जाएगा। दरअसल, विशेषज्ञों ने एक ऐसी दवा बनाई है, जिससे आप मच्छर को खुद को काटने की चुनौती दे सकेंगे। केन्या स्थित लिवरपूल स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन में हुए अध्ययन के अनुसार वैज्ञानिकों ने आईवरमेक्टिन नामक दवा तैयार की है। इस दवा के इस्तेमाल से व्यक्ति का रक्त मच्छरों और अन्य उपजीवी या पैरासाइट के लिए जहरीला हो जाता है। इंसान को काटने पर मच्छर खुद ही मर जाएगा। विशेषज्ञों का दावा है कि इस दवा के इस्तेमाल से मच्छरों के कारण होने वाली मलेरिया जैसी बीमारियों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।
बता दें कि यह दवा कोई नई खोज नहीं है। इसका इस्तेमाल 1980 से जूं और फाइलेरियासिस समेत कई बीमारियों के इलाज के लिए हो रहा है। प्रमुख शोधकर्ता डॉक्टर मेनो स्मिट के अनुसार तीन दिन तक आईवरमेक्टिन गोली के हाई डोज लेने से व्यक्ति का रक्त 28 दिनों के लिए जहरीला हो जाता है। इस दौरान अगर मच्छर उसे काटता है तो मच्छर मर जाता है। हालांकि इसके कुछ दुष्प्रभाव हैं, जिन पर विशेषज्ञ काम कर रहे हैं। इस दवा के इस्तेमाल से व्यक्ति का खून ही मच्छरों के अंत का कारण बन जाता है। गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनिया की आधी आबादी पर मलेरिया का खतरा मंडरा रहा है।