नई दिल्ली। किराना स्टोर से घर का सामान खरीदने के अलावा जल्द ही दवाइयां भी खरीद सकेंगे। फार्मा कंपनियों के लिए बाजार का दायरा बढ़ाने के लिए ऐसा किया जा रहा है। इस नए कानून के तहत ओवर द काउंटर बिकने वाली दवाइयों की एक नई परिभाषा तय की जाएगी। इसे लेकर सरकार आने वाले समय में नई गाइडलाइन तैयार करेगी। बता दें कि पैरासीटामॉल इब्रूफेन एंटासिड, रैंटाडीन, पेंटाप्रोजॉल, डाइजीन, वोवरान, क्वार्डीडर्म, ब्रोजोडेक्स जैसी दवाएं ओटीसी के तहत आती हैं। सूत्रों के मुताबिक, ओटीसी दवाइयों के नाम, डोज, पोटेंसी, लेबलिंग, पैकिंग और संख्या तय करेगी। सरकार के इस फैसले से फार्मा सेक्टर को राहत मिलेगी। इस फैसले से सनफार्मा, एबॉट, वॉकहार्ड, डा.रेड्डीज, ल्यूपिन जैसी कंपनियों की बिक्री बढ़ोतरी होगी। इसके साथ ही ओवर द काउंटर बिकने वाली दवाइयों की परिभाषा बदल जाएगी। ये सभी दवाएं केमिस्ट शॉप जैसे सिंगल सेलिंग प्वाइंट पर मिलेंगी। इसके साथ ही यह दवाएं सुपर मार्केट्स, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, पेट्रोल पंप्स और किराने की दुकानों पर भी मिलेंगी। मौजूदा कानून के तहत ऐसा करना गैरकानूनी है लेकिन सरकार फैसला लेगी कि किन दवाओं को बिना डॉक्टरी प्रिसक्रिप्शन के लिया जाए। इसके अलावा इन दवाओं की खास तरह की पैकेजिंग की जाएगी। साथ ही 10 से 15 गोली वाली पैकिंग की जगह तीन से आठ गोली की पैकिंग होगी।