कानपुर। कोरोना वायरस का खात्मा करने के लिए अब ब्रेन कैंसर की दवा को कोरोना पर आजमाया जाएगा। इस संबंध में जीएसवीएम मेडिकल कालेज की इथिकल कमेटी ने तीन दवाओं के ट्रायल पर मंजूरी दे दी है। इसमें एक दवा अभी तक ब्रेन कैंसर के रोगियों पर इस्तेमाल की जाती रही है। दूसरी दवा रोगी का सांस तंत्र फेल होने से बचाएगी और तीसरी जुकाम, बुखार, खांसी और गले की खराश आदि रोकेगी। मेडिकल कॉलेज की इथिकल कमेटी की बैठक में कोविड-19 के उपचार के संबंध में अनुसंधान करने का निर्णय लिया गया। बैठक प्रोफेसर डॉ. मीरा अग्निहोत्री की अध्यक्षता में हुई। इसमें डीआरडीओ की दवा डिओक्सी डी ग्लूकोज का इस्तेमाल वायरस की बढ़त रोकने के लिए किया जाएगा। अभी तक इस सॉल्ट का प्रयोग ब्रेन कैंसर की रोकथाम में होता है। सांस तंत्र फेल होने से बचाने के लिए यूलिना स्टेटिन दवा पर शोध होगा। सांस तंत्र फेल होने का प्रमुख कारण साइटोकाइन स्टार्म होता है उसे यह दवा रोकती है। बताया गया है कि जुकाम, बुखार खांसी, इंफ्लुइंजा में इस्तेमाल होने वाली फिलेविपिराविर दवा का इस्तेमाल किया जाएगा। ओपीडी में यह इंफ्लुइंजा के रोगियों को दी जाती है।