नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में वीआईपी कल्चर को खत्म कर दिया गया है। इस संबंध में आदेश जारी करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब सरकारी अस्पतालों में वीआईपी कमरे नहीं मिलेंगे। सभी नागरिकों को समान इलाज मिलेगा, लेकिन यह सबसे बेहतर होगा। दिल्ली सरकार ने अस्पतालों में 13,899 बेड बढ़ाने का फैसला किया है। यह दिल्ली के सरकारी अस्पतालों के मौजूदा बेड की संख्या से 120 प्रतिशत ज्यादा है। अभी दिल्ली में 11,353 बेड हैं। इसके अलावा दिल्ली सरकार ने सभी सरकारी अस्पतालों को पूर्ण रूप से एसी बनाने की घोषणा की है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों को एसी करने के लिए काम किया जा रहा है। इससे पहले दिल्ली सरकार द्वारा चलाए जा रहे सरकारी अस्पतालों की सुविधाओं को लेकर स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने एक रिपोर्ट मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सौंपी थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि दिल्ली सरकार के 38 अस्पतालों में बेड्स की मौजूदा क्षमता 11,353 है। इसके अलावा 13,899 बेड्स की क्षमता को और जोड़ा जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि अगले छह महीने के अंदर 2800 बेड्स की क्षमता वाले तीन अस्पताल और चालू हो जाएंगे। अत्याधुनिक सुविधाओं वाला द्वारका का इंदिरा गांधी हॉस्पिटल, जिसकी क्षमता 1241 बेड्स की है, पश्चिमी दिल्ली का सबसे बड़ा अस्पताल होगा। रिपोर्ट में 772 और 600 बेड्स की क्षमता वाले दो अस्पताल, बुराड़ी और अंबेडकर नगर में जल्द बनकर तैयार होने की बात भी है। रिपोर्ट में दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में नए अस्पतालों के निर्माण का जिक्र है। मंत्री सत्येंद्र जैन की रिपोर्ट के मुताबिक खिचड़ीपुर के लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में एक नया मदर एंड चाइल्ड ब्लॉक बनेगा, जिसमें 460 बेड्स होंगे। इसको कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है और टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।