हल्द्वानी। बनभूलपुरा क्षेत्र में चल रहे अवैध दवा कारोबार का मामला मीडिया में आने पर पुलिस सुरक्षा में औषधि निरीक्षकों की टीम जैसे ही बनभूलपुरा क्षेत्र में छापेमारी के लिए पहुंची तो वहां खलबली मच गई। छह दवा दुकानों का निरीक्षण किया। इसमें दो दुकानों में न फार्मासिस्ट मिला और न मालिक। इन दुकानों की क्रय-विक्रय पर रोक लगाते हुए ड्रग लाइसेंस कैंसिल करने की सिफारिश कर दी गई है। टीम में बनभूलपुरा थाना प्रभारी दिनेश नाथ महंत भी शामिल रहे।
औषधि निरीक्षक मीनाक्षी बिष्ट ने बताया कि बनभूलपुरा क्षेत्र में अंसारी मेडिकल स्टोर, डीके मेडिकल में निरीक्षण के दौरान कोई नहीं मिला। संबंधित कर्मचारी भी पूछने पर स्पष्ट जवाब नहीं दे सका। दवा विक्रय का हिसाब-किताब भी कुछ नहीं था। इसलिए इन दो दुकानों का लाइसेंस निरस्त करने के लिए भेज दिया गया है। वसीम मेडिकल स्टोर में भी अनियमितता मिलने पर क्रय-विक्रय पर रोक लगा दी है। इसके अलावा प्रिंस मेडिकल स्टोर, फैजान मेडिकल स्टोर व विनायक मेडिकल स्टोर से स्पष्टीकरण मांगा गया है। दुकानों का शटर गिराकर उल्टे पांव भागे दुकानदार जैसे ही औषधि निरीक्षकों व पुलिस टीम मौके पर पहुंची। आसपास क्षेत्र के दवा दुकानदारों ने शटर गिरा दिया और मौके से भाग गए। टीम भी बंद दुकानों को देख लौट गई।
 गौरतलब है कि दवाइयों के नशे के इस्तेमाल की शिकायत बनभूलपुरा समेत आसपास क्षेत्रों में दवाइयों का नशे के रूप में इस्तेमाल की शिकायत आम है। यहां तक कि इन क्षेत्रों में बिना डॉक्टर व अस्पताल के धड़ल्ले से 45 से अधिक दवा दुकानें हैं। बेहिसाब तरीके से ड्रग लाइसेंस बांटे गए हैं। यही नहीं, बिना लाइसेंस के भी दवा दुकानों संचालित हैं। यहां तक कि दुकानों में शिड्यूल एच, एचवन, जी, के, एक्सबी के अलावा नारकोटिक्स यानी एनआरएक्स से संबंधित दवाइयों को डॉक्टर की पर्ची पर ही बेचा जाना होता है। इसका हिसाब भी नहीं मिला।
औषधि निरीक्षक मीनाक्षी बिष्ट व डॉ. सुधीर कुमार ने केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ केमिस्ट भवन में बैठक ली। एसोसिएशन के अध्यक्ष उमेश जोशी, महासचिव संदीप जोशी, उपाध्यक्ष एहतेशाम ने केमिस्टों की समस्याओं के निराकरण की मांग की। इस पर औषधि निरीक्षकों ने नारकोटिक्स समेत आदि दवाइयों के हिसाब बेहतर तरीके से रखने के निर्देश दिए। 18 साल से कम उम्र वालों को इस तरह की दवा न बेचने के लिए निर्देशित किया।