ग्वालियर। जिला प्रशासन ने शहर में नकली दवा कारोबार का पर्दाफाश किया है। पुरानी छावनी क्षेत्र में सेंट जॉन वियानी स्कूल के सामने केलेक्स हेल्थकेयर नाम से अवैध दवा फैक्ट्री पर छापामार कार्रवाई की है। यहां बिना लाइसेंस के दवाओं का निर्माण किया जा रहा था। टीम ने मौके से भारी मात्रा में दवाएं-सीरप व दवाओं का कच्चा माल बरामद किया है। यहां 170 बोतल फोलिक एसिड की (आईरोलेक्स एसटी सीरप) मिलीं जो मार्च 2019 में ही एक्सपायर्ड हो चुकीं थीं। हैरानी वाली बात यह है कि इस फैक्ट्री को मेन गेट पर ताला लगाकर चलाया जा रहा था, ताकि किसी को यहां नकली दवा बनने की जानकारी न हो सके। प्रशासन की टीम ने कार्रवाई के लिए दीवारें फांदकर पूरी फैक्ट्री को घेरा।
जिला प्रशासन को सूचना मिली थी कि पुरानी छावनी में केलेक्स हेल्थकेयर नाम से अवैध फैक्ट्री चल रही है। इस पर नायब तहसीलदार धीरेंद्र गुप्ता,फूड सेफ्टी टीम के आनंद शर्मा, विनोद सरगैया और पुलिस बल के साथ यहां रेड की गई। जिला प्रशासन की टीम को बाहर फैक्ट्री पर ताला लगा मिला, जिस कारण कुछ लोगों को दीवार से ऊपर चढ़ाया तो कुछ को पीछे से भेजा गया। यहां दवा बनाने की पूरी मशीनरी मिली और कच्चा माल भी काफी मात्रा में बरामद किया गया। मौके पर राहुल दुबे नाम का युवक मिला और प्रोपराइटर संजय पाठक अनुपस्थित थे।
इस कार्रवाई में सबसे बड़ा सवाल ड्रग इंस्पेक्टर अजय ठाकुर और दिलीप अग्रवाल पर है क्योंकि 30 सितंबर 2019 को इसी केलेक्स हेल्थकेयर फैक्ट्री में जाकर ड्रग इंस्पेक्टर्स ने जांच की और सैंपल लिए। लाइसेंस तब भी नहीं था और अब भी नहीं मिला। इतनी बड़ी अवैध यूनिट मिलने पर भी संचालन क्यों होने दिया गया। उस समय यहां दूसरी कंपनियों के नाम पर नकली दवा बनाने का काम किया जा रहा था। इस संबंध में ड्रग इंस्पेक्टर अजय ठाकुर का कहना है कि 30 सितंबर 2019 को उक्त फैक्ट्री में जांच की थी और यहां दूसरी कंपनियों के नाम पर भी दवा बन रही थी। केस दर्ज कर सैंपल लिया गया, जिसकी रिपोर्ट आना बाकी है। टीम ने वैधानिक कार्रवाई की थी।