जयपुर। सरकार ने अपने ताजा फैसले में जयपुर में किसी भी नए अस्पताल, मेडिकल यूनिट या डिस्पेंसरी आदि के लिए रियायती दर पर जमीन देने पर रोक लगा दी है। नगरीय विकास विभाग का कहना है कि क्षेत्र में पहले से ही बड़ी संख्या में मेडिकल संस्थान मौजूद हैं। हालांकि, इस फैसले के पीछे डॉ. त्रेहान के मामले को भी जिम्मेदार माना जा रहा है। गौरतलब है कि काफी अर्सा पहले जेएलएन मार्ग पर एस्कॉर्ट हार्ट इंस्टीट्यूट के लिए टोकन मनी पर जमीन आवंटित कराई गई थी। इसके बाद फोर्टिस अस्पताल को शेयर ट्रांसफर कर दिए।

इस मामले में सर्जन डॉ. नरेश त्रेहान, व्यवसायी रितु नंदा, राजन नंदा सहित छह लोगों पर जवाहर सर्किल थाने में केस दर्ज किया गया। पिछले चार साल में सरकार मेडिकल से जुड़ी एक दर्जन से ज्यादा यूनिट्स को आरक्षित दर की 25 फीसदी दर तक की रियायत पर जमीनें दे चुकी है। यूडीएच अफसरों का कहना है कि बड़े शहरों में पाबंदी लगने पर छोटे शहरों में बड़े अस्पताल समूह पहुंचेंगे। अब कोई चिकित्सा संस्थान जयपुर में जमीन चाहेगा तो कॉमर्शियल या संस्थानिक दर की दुगुनी दर के साथ 15 फीसदी अधिक दरें वसूली जाएंगी।