नई दिल्ली। अब अस्पताल और फार्मा कंपनियां, दवा और मेडिकल डिवाइस पर मनमानी कीमत नहीं वसूल पाएंगी। सरकार ने इनके खिलाफ शिकंजा कस लिया है। इसके लिए दवाइयों और मेडिकल डिवाइस की कीमत तय करने की प्रक्रिया में बदलाव कर इसे और आसान बनाया जाएगा। जानकारी अनुसार केंद्र सरकार दवाओं की कीमत निर्धारण के लिए दो नई समितियां बनाने पर विचार कर रही है। ये समितियां दवा और मेडिकल डिवाइस की कीमतें तय करेंगी। समितियों की ओर से अधिकतर डिवाइस और कंज्यूमेबल का मूल्य तय होगा।
माना जा रहा है कि समितियों के गठन से फार्मा और स्वास्थ्य मंत्रालय में बेहतर समन्वय होगा। गौरतलब है कि अभी दो मंत्रालयों के बीच प्रक्रिया अटकी रहती है। सरकार की ओर से गठित की जाने वाली समितियों में पहली कमेटी का चेयरमैन नीति आयोग का उपाध्यक्ष होगा, जबकि हेल्थ सेक्रेटरी और फार्मा सेक्रेटरी को-चेयरमैन होंगे। ये समिति इलाज के सामान और अफोर्डेबल मेडिसन के लिए होगी। वहीं, दूसरी समिति के चेयरमैन आईसीएमआर यानि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के डायरेक्टर जनरल होंगे। ये समिति जीवन रक्षक दवाओं पर फैसला लेगी।