देहरादून: कुछ दिन पहले ही पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने एड्स पीडि़तों के लिए एक कानून पर मुहर लगाकर उन्हें समाज की मुख्यधारा में सम्मान से जीने का अधिकार दिया है जबकि अस्पतालों से एड्स पीडि़तों को बिना दवा के मायूस लौटना पड़ रहा है। ताजा जानकारी दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल से आ रही है। यहां एड्स रोगियों को दवा नहीं मिल रही। अस्पताल स्थित एआरटी सेंटर पर मरीजों को दी जाने वाली एक दवा पिछले कई दिनों से खत्म है।

अधिकारियों का कहना है कि दवा ट्रांजिट में है और एकाध दिन में पहुंच जाएगी। तब तक इसका विकल्प मरीजों को दिया जा रहा है। जानकारी के मुताकिब, प्रदेश में तीन एआरटी सेंटर हैं। इनमें देहरादून, हल्द्वानी और पिथौरागढ़ शामिल है। देहरादून सेंटर में तीन हजार से अधिक एचआइवी के मरीज पंजीकृत हैं जो यहां समय-समय पर दवा लेने पहुंचते हैं। यहां पूरे गढ़वाल क्षेत्र से बड़ी संख्या में मरीज नियमित चेकअप और दवा के लिए आते हैं। स्टेट एड्स कंट्रोल ऑग्रेनाइजेशन (साको) के असिस्टेंट डायरेक्टर गगन लूथरा की मानें तो दवा की सप्लाई नाको द्वारा की जाती है और दवा भेज दी गई है। एकाध दिन में सप्लाई मिल जाएगी।