प्रतापगढ़ (उप्र)। अस्पताल सील करने के बाद स्वास्थ्य विभाग भूल गया कि अंदर कर्मचारी भी हैं। करीब सात घंटे बाद कर्मचारियों के चिल्लाने पर सील तोडक़र उन्हें बाहर निकाला जा सका।
ये है मामला
ये हैरान कर देने वाला वाक्या अमन अस्पताल का है। यहां दाखिल एक प्रसूता की मौत होने पर उसके परिजनों ने बाहर हंगामा कर दिया। हंगामे के दौरान स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल को सील कर दिया। लेकिन जल्दबाजी में अस्पताल चेक करना भूल गए। इससे अस्पताल के कई कर्मचारी अंदर ही रह गए। उनके चिल्लाने पर करीब सात घंटे बाद पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने सील तोड़वाकर उन्हें बाहर निकाला।
बेटे को जन्म देने के बाद तोड़ा दम
मेडिकल कॉलेज के पास स्थित अमन अस्पताल के बाहर प्रसूता का शव रखकर आसलपुर ईसनपुर निवासी सत्यम और उनके परिजन हंगामा कर रहे थे। बताया गया कि सत्यम की पत्नी खुशबू चौरसिया को ऑपरेशन से बेटा हुआ था। लेकिन बेटे को जन्म देने के बाद प्रसूता ने हॉस्पिटल में ही दम तोड़ दिया।
सात घंटे तक बंद रहे कर्मचारी
महिला की मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने अस्पताल के बाहर हंगामा कर दिया। हंगामा बढ़ता देख स्वास्थ्य विभाग की टीम आई और जल्दबाजी में अस्पताल सील कर दिया। सात घंटे के बाद करीब शाम पांच बजे अस्पताल के अंदर फंसे कर्मचारी परेशान हो गए। उन्होंने शोर मचाया तो इसकी सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस अमन हॉस्पिटल में स्वास्थ्य विभाग की टीम को लेकर पहुंची। अंदर से कर्मचारियों को बाहर निकालकर फिर से अस्पताल सील कर दिया।
मौत की जांच के लिए टीम गठित
उधर, प्रसूता की मौत के मामले में सीएमओ डॉ. जीएम शुक्ल ने तीन सदस्यीय टीम का गठन कर दिया है। जांच टीम तीन दिन के भीतर रिपोर्ट देगी। टीम में उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अमर नाथ राय, डिप्टी सीएमओ डॉ. सदीप सक्सेना और डॉ. पारुल सक्सेना को शामिल किया गया है।
डिप्टी सीएमओ राजेश से छिना प्रभार
सीएमओ डॉ. जीएम शुक्ल ने बताया कि जिले के प्रत्येक नर्सिंग होम, क्लीनिक और पॉलीक्लीनिक के साथ हॉस्पिटल की जांच की जाएगी। जिस अस्पताल में डॉक्टर नहीं मिलेंगे, उसका लाइसेंस निरस्त किया जाएगा। उन्होंने बताया कि डिप्टी सीएमओ राजेश के हाथ से क्लीनिक, पॉलीक्लीनिक और झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई का प्रभार हटा दिया गया है। इसकी जिम्मेदारी उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आजाद अहमद को दी गई है।