आगरा। लेडी लॉयल अस्पताल ने अपने नाम का भी ख्याल नहीं रखा। प्रसव पीड़ा से कराहती गर्भवती को स्ट्रेचर पर लिटाकर नजरें फेर लीं। परिजनों ने शोर मचाया तो गर्भावस्था के दौरान के जांच के पर्चे मांग लिए। परिजनों ने पर्चे न होने की बात कही तो नर्स ने खून की कमी बताकर गर्भवती को लौटा दिया। ऑटो से घर ले जाते समय गर्भवती ने जिला अस्पताल की इमरजेंसी के बाहर बेटे को जन्म दे दिया।
रानी पत्नी किशोरी लाल आगरा में मजदूरी करते हैं। रानी को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन दोपहर एक बजे ऑटो से लेडी लॉयल लेकर पहुंचे। यहां नर्स ने उसे प्रसव कक्ष के बाहर स्ट्रेचर पर लिटा दिया। आधा घंटे तक कोई देखने नहीं आया। साथ आई महिलाओं ने नर्स से प्रसव कराने के लिए कहा, उसने गर्भधारण के बाद कराई गई जांच और डॉक्टर का पर्चा मांगा। परिजनों ने इन्कार कर दिया। नर्स ने गर्भवती के चेहरे की तरफ देखा और खून की कमी बताकर प्रसव कराने से इन्कार कर दिया। परिजनों ने गुहार की तो स्टाफ ने दुत्कार कर भगा दिया। स्ट्रेचर पर करीब एक घंटा लेटे रहने के बाद परिजन उसे ऑटो से घर ले जाने लगे।
जिला अस्पताल के पास प्रसव पीड़ा तेज हो गई। महिलाएं सडक़ पर प्रसव कराने लगी। राहगीर की सलाह पर परिजन ऑटो को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां ऑटो से उतरते ही इमरजेंसी के बाहर रानी ने बेटे को जन्म दिया। तभी हॉस्पिटल का स्टाफ और डॉक्टर आ गए। उसका स्ट्रेचर पर ही प्रसव पूरा करा दिया। इसके बाद एंबुलेंस से लेडी लॉयल शिफ्ट करा दिया। बता दें कि लेडी लॉयल में 100 बेड की मैटरनिटी विंग बनाई गई है। यहां अत्याधुनिक सुविधा हैं। मगर, गर्भवती महिलाओं को दुत्कार कर भगाने का ढर्रा नहीं बदला है। लेडी लॉयल महिला चिकित्सालय की प्रमुख अधीक्षक डॉ. आशा शर्मा का कहना है कि इस मामले की जांच कराई जाएगी। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।