इंदौर। आयरन की दवाई पीने के बाद स्कूल में कई बच्चों का स्वास्थ्य खराब हो गया। इनमेें से एक बच्चे को बुखार आने और शरीर पर काले धब्बे पड़ने से हडक़ंप मच गया। यह दवा उसे सरकारी स्कूल में संजीवनी क्लीनिक से दी गई थी। फिलहाल बच्चे की हालत खतरे से बाहर बताई गई है।
जानकारी अनुसार, छोटा बांगड़दा के राजकीय माध्यमिक विद्यालय में बच्चों को आयरन की दवाई पिलाई गई थी। दवाई पीने के थोड़ी देर बाद ही कुछ बच्चों का स्वास्थ्य खराब हो गया। इन्हीं में से एक छात्र कार्तिक पुुत्र पंकज चौहान (12) की तबियत ज्यादा बिगड़ गई।
कार्तिक के पिता ने बताया कि दवा पीने के बाद उसे सीने, पेट और गले में दर्द होने लगा और बुखार भी आया। इसके बाद उसके शरीर पर लाल व काले धब्बे पड़ गए। बच्चे को खाना खाने में भी तकलीफ होने लगी। उनहोंने बताया कि स्कूल के कई और बच्चों को भी इसी तरह के लक्षण के साथ उल्टियां भी हुई हैं। परिजनों ने कार्तिक को स्थानीय सरकारी चाचा नेहरू अस्पताल में भर्ती करवाया। अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे पीआईसीयू में दाखिल किया। फिलहाल इस बच्चे की सेहत में सुधार है।
कलेक्टर के आदेश पर पिलाई गई थी दवा
स्कूल के प्रभारी अशोक वर्मा ने बताया कि स्कूल परिसर में स्थित संजीवनी क्लिनिक की ओर से बच्चों को आयरन की दवाई पिलाई गई थी। संजीवनी क्लिनिक की नर्सिंग ऑफिसर देवश्री सोनारे ने बताया कि कलेक्टर के निर्देश पर ही सभी बच्चों को आयरन की दवाई पिलाई गई। केवल एक छात्र कार्तिक को ही रिएक्शन हुआ। बाकी बच्चे दवाई पीने के बाद से ठीक हैं।
आयरन से रिएक्शन की संभावना कम
इस बारे में पीडियाट्रिक्स कंसल्टेंट डॉ. प्रवीण जडिय़ा का कहना है कि आयरन की दवाई लेने से ऐसा रिएक्शन संभव ही नहीं है। इस केस में बच्चों की पहले की कोई रिएक्शन की हिस्ट्री हो या वह बीमार हों और उसे पहले से कोई समस्या हो सकती है।