लखनऊ। गर्भवती महिलाओं को हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए दी जाने वाली दवा आयरन सुक्रोज जांच में मानकों के अनुरूप नहीं मिली है। इसके चलते उक्त दवा के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। साथ ही सोलन की कंपनी को आयरन सुक्रोज दवा की सप्लाई के लिए रोक दिया गया है। कंपनी की इस दवा को तीन साल के लिए ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है। बता दें कि उप्र मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन के जरिए सरकारी अस्पतालों में दवा की आपूर्ति हो रही है। जिन गर्भवती महिलाओं में हीमोग्लोबिन कम होता है। ऐसी महिलाओं को आयरन सुक्रोज दवा चढ़ाई जाती है। पांच व 20 एमएल का इंजेक्शन महिलाओं को चढ़ाया जाता है। कई बार कम हीमोग्लोबिन वाले दूसरे मरीजों को भी यह इंजेक्शन दिया जाता है। सरकारी अस्पतालों में यह इंजेक्शन मरीजों को मुफ्त मुहैया कराया जाता है। कारपोरेशन ने मई 2018 में सोलन की कंपनी को दवा आपूर्ति की जिम्मेदारी दी। सरकारी अस्पतालों दवा की आपूर्ति हुई। दवा की गुणवत्ता परखने के लिए कारपोरेशन ने बैच नम्बर एएजी-9004 और एएजी 9006 की जांच कराई। प्रदेश की अलग-अलग तीन प्रयोगशाला से नमूनों की जांच कराई गई। तीनों प्रयोगशाला ने दवा को मानकों के अनुरूप नहीं माना। इसके बाद कारपोरेशन ने कंपनी को पत्र लिखकर दवा की गुणवत्ता के बारे में जानकारी दी। दो मई 2020 को कंपनी ने कारपोरेशन को अपना जवाब भेजा। जिसमें कंपनी ने दावा किया है कि दवा आपूर्ति से पहले व आपूर्ति के बाद दवा की गुणवत्ता की जांच कराई। दवा मानकों के अनुसार थी। संभवता दवा के रख-रखाव में कोई गड़बड़ी होगी। 11 मई को कारपोरेशन ने दवा के रख-रखाव में गड़बड़ी की बात से इनकार किया है।