नई दिल्ली। आयुर्वेदिक तेल बेचने वाली कंपनी पर 10 लाख रुपये जुर्माना लगाया है। यह आदेश केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने जारी किए। जोड़ों के दर्द से राहत देने वाले उत्पाद धुआंधार ऑयल के प्रचार में भ्रामक विज्ञापन देकर नियमों का उल्लंघन करने पर इंदौर की डायरेक्ट-सेलिंग कंपनी इंडिया डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क एलएलपी पर यह जुर्माना लगा है।

सीसीपीए आदेश के अनुसार इंडिया डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क ने एक विज्ञापन में दावा किया है कि तेल का उपयोग आपको बिना किसी सर्जरी या फिजियोथेरेपी के भी फिट बनाता है। अन्य विज्ञापनों में दावा किया गया कि यह दुनिया का पहला हॉटस्ट्रीम जोड़ों के दर्द से राहत देने वाला तेल है और दुनिया में इस उत्पाद का कोई समानांतर नहीं है। इस तेल से मरीजों को जोड़ों के दर्द, कठोरता और सूजन से तुरंत राहत मिलती है। जांच और सुनवाई के दौरान कंपनी किसी भी दावे को साबित नहीं कर सकी।

बता दें कि सरकार ने डायरेक्ट-सेलिंग उद्योग पर लगाम लगाने के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत नियमों को सख्त करने के लिए एक टीम गठित करने की योजना बनाई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि विभाग उपभोक्ता संरक्षण (प्रत्यक्ष बिक्री) नियम, 2021 के उल्लंघन के लिए डायरेक्ट-सेलिंग कंपनियों के खिलाफ दायर शिकायतों की जांच कर रहा है। इन शिकायतों का आकलन करने के बाद अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए एक योजना तैयार करेगा।

कंज्यूमर वॉयस के सीईओ आशिम सान्याल ने कहा कि गलती करने वाली कंपनियों पर जुर्माना लगाना दूसरों के लिए एक सबक होगा और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने में मदद करेगा। यह पाया गया कि कंपनी के दावे में सहायक दस्तावेजों या वैज्ञानिक सबूतों का अभाव था। इससे पता चलता है कि यह अतिरंजित और भ्रामक था। कंपनी का यह दावा कि एथलीट फिटनेस के लिए उत्पाद का इस्तेमाल करते हैं, निराधार है।

आदेश में कहा गया है कि कंपनी ने दावा किया कि धुआंधार ऑयल’ एक अच्छी विनिर्माण प्रथाओं-प्रमाणित सुविधा में उत्पादित होता है और मध्य प्रदेश खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए मध्य प्रदेश) द्वारा अनुमोदित है। जबकि जांच में पाया गया कि मध्य प्रदेश में उत्पाद का लाइसेंस 27 सितंबर 2021 को समाप्त हो गया और इसका नवीनीकरण नहीं किया गया।