रायपुर (छत्तीसगढ़)। आयुर्वेदिक दवाओं में मिलावट का भंडाफोड़ हुआ है। आयुर्वेद की जॉइंट पेन की दवाओं में एलोपैथ पेन किलर मिलाकर बाजार में बेचा जा रहा है। खाद्य एवं औषधि विभाग ने करीब 10 करोड़ रुपये कीमत की दवाएं बरामद की गई हैं।
यह है मामला
खाद्य एवं औषधि विभाग ने बीते दो सालों में प्रदेश में 11 लोगों को पकड़ा, जिसमें नौ कंपनियों के सैंपल में मिलावट की पुष्टि भी हुई है। विभाग ने दवा जब्त के बाद सैंपल जांच के लिए कलकत्ता की सेंट्रल ड्रग लाइब्रेरी में भेजा। वहां 11 में से नौ की रिपोर्ट में डाइक्लोफेनक सोडियम जैसी एलोपैथ पेन किलर की पुष्टि हुई।
लगातार सेवन से किडनी हो सकती है फेल
जांच विशेषज्ञों ने बताया कि इन पेन किलर की इतनी हैवी डोज मिली है, जिससे 6 महीने लगातार खाने पर किडनी फेल हो सकती है। विधानसभा के बजट सत्र में भी आयुर्वेद दवाओं के मिलावट का मुद्दा उठा था। औषधि विभाग के अनुसार रायपुर, बलौदाबाजार और राजनांदगांव से यह रैकेट ऑपरेट हो रहा है।
दो साल में इन्हीं जिलों में आयुर्वेद के अंदर एलोपैथिक दवाओं के मिलावटी प्रकरण पाए गए हैं। बलौदाबाजार में 5, रायपुर में 4 और नांदगांव में 2 प्रकरण दर्ज किए गए। पकड़ी गई दवाएं गठिया, ज्वाइंट पेन की थी। इसमें दावा किया गया था कि दवाओं से बीमारी ठीक होती है।
ये दवाइयां मिली मिलावटी
बताया गया है कि इन नकली दवाओं को आशीष गोयल और अशोक अग्रवाल मिलकर बनाते थे। इसके अलावा सर्जिफेस प्लस हैंड सेनिटाइजर को राकेश सोमानी, ताराचंद सोमानी बना रहे थे। वर्ष 2022 में फेवीमेक्स- 400 दवा भी नकली पकड़ी गई।
इसमें ज्योति अग्रवाल, पूजा अग्रवाल, आत्माराम अग्रवाल जैसे 14 आरोपी मिले थे। 2023 में वायटीएम वाताहरी वटी की नकली दवाओं का बड़ा जखीरा पकड़ा गया था। इसके अलावा गाउटगोल्ड कैप्सूल भी नकली पकड़ी गई थी। इसमें ताराचंद चितलािग्ंया और यश उपाध्याय आरोपी पाए गए थे।