देहरादून (उतराखंड)। सभी आयुर्वेद कंपनियों की दवाओं की गुणवत्ता जांचने के आदेश जारी हुए हैं। ये आदेश राज्य आयुर्वेद एवं यूनानी औषधि लाइसेंस अधिकारी को दिए गए हैं। जांच के दौरान देखा जाएगा कि आयुर्वेद फार्मेसी कंपनियों के लाइसेंस के अनुरूप दवाइयों का निर्माण और गुणवत्ता सही है या नहीं।
आयुष विभाग ने यह कवायद पतंजलि आयुर्वेद की 14 दवाइयों के लाइसेंस निलंबित करने के बाद प्रदेश में स्थापित सभी आयुर्वेद कंपनियों के लिए शुरू की है।
राज्य में आयुर्वेद दवाइयां बनाने वाली 353 कंपनियां
गौरतलब है कि उत्तराखंड में आयुर्वेद दवाइयां बनाने वाली 353 कंपनियां स्थापित हैं। राज्य आयुर्वेद एवं यूनानी औषधि लाइसेंस अथॉरिटी से इन कंपनियों को दवा और कास्मेटिक उत्पाद बनाने का लाइसेंस मिला हुआ है। पतंजलि आयुर्वेद की 14 दवाइयों के लाइसेंस निलंबित करने के बाद आयुष विभाग ने सभी आयुर्वेद दवा कंपनियों की भी जांच के आदेश दिए हैं।
सचिव आयुष डॉ. पंकज कुमार पांडेय के अनुसार प्रदेश में बनने वाली आयुर्वेद दवाइयों की गुणवत्ता मानकों पर सही है या नहीं। इसके लिए राज्य औषधि लाइसेंस अधिकारी मिथिलेश कुमार को आदेश दिए गए कि सभी आयुर्वेद कंपनियों की दवाओं की जांच की जाए। किसी भी कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले कानूनी प्रक्रिया का पूरी तरह से पालन करें।