मुंबई। प्रदेश सरकार ने आयुर्वेद, यूनानी और सिद्ध औषधी उत्पादन के लिए लाइसेंस देने की प्रणाली पर नियंत्रण के लिए समिति का गठन किया है। राज्य के अन्न व औषधि प्रशासन विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया। बता दें कि सरकार ने आयुष निदेशालय के निदेशक की अध्यक्षता में समिति का गठन किया है।
समिति के सदस्य के रूप में मुंबई के आर ए पोदार आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज के द्रव्यगुण विशेषज्ञ अथवा महाराष्ट्र काऊंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन के चुने गए सदस्यों में से वरिष्ठ सदस्य, आर ए पोदार आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज के रसायन विभाग के विभाग प्रमुख रसायन विशेषज्ञ को शामिल किया गया है। दरअसल समिति के सदस्य सचिव अन्न व औषधि प्रशासन विभाग के तकनीकी अधिकारी (आयुर्वेद) बनाए गए हैं।
सरकार ने कहा है कि राज्य में आयुर्वेद, यूनानी और सिद्ध औषधी उत्पादकों को पेटंट और प्रोप्रायटरी औषधी उत्पादन व बिक्री के लिए लाइसेंस व नुतनीकरण से पहले आवश्यक जांच उचित व सुलभ रूप से करने और नियंत्रण के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है। इसके अनुसार राज्य में अब आयुर्वेद, यूनानी और सिद्ध औषधी उत्पादकों के पेटंट और प्रोप्रायटरी के रूप में मंजूरी और नुतनीकरण के लिए प्राप्त होने वाले प्रस्तावों को समिति की सिफारिश के बाद मुंबई के अन्न व औषधि प्रशासन (FDA) के लाइसेंस अधिकारी (आयुर्वेद) के माध्यम से लाइसेंस निर्गत किए जाएंगे।