अमृतसर। धीरे-धीरे कोविड-19 से आमजन उभरने लगा है और काम भी पहले की हर तरह पटरी पर लौट रहा है। लॉकडाउन के बीच फार्मा एक ऐसा व्यवसाय था जोकि पूरी तरह बंद नहीं किया, क्योंकि फार्मास्यूटिकल फैक्टरियों में जरूरी दवाइयां बनती हैं। हालांकि इनमें स्टाफ को 20 से 30 प्रतिशत कर दिया था। यहां 70 से 80 प्रतिशत काम करने वाले दूसरे राज्य के लोग हैं जोकि घर वापसी की तैयारी में थे। कर्फ्यू खत्म होने के बाद बाकी के कर्मचारी काम पर लौटने शुरू हो गए हैं। लघु उद्योग भारती के प्रधान व एडिसन फार्मास्यूटिकल के मालिक अमित कपूर ने बताया कि जरूरी वस्तुओं का उत्पादन लगातार जारी था मगर सरकार की हिदायतों का पालन करते हुए स्टाफ करीब 80 प्रतिशत कम कर दिया था। स्किल वर्क करने वाला सारा ही स्टाफ दूसरे राज्यों का है इसलिए उन्होंने किसी को भी वापस नहीं जाने दिया, बल्कि अपनी निगरानी में रखा और समय पर वेतन व जरूरी सामान मुहैया करवाते रहे। अब धीरे-धीरे सभी को वापस काम पर लगा रहे हैं। इसके साथ ही मास्क, सैनिटाइजर मुहैया करवाने व शारीरिक डिस्टेंस का भी ध्यान रखा जा रहा है।
लघु भारती उद्योग के सचिव प्राण अग्रवाल ने कहा कि कोरोना ने हर एक इंडस्ट्री को गहरी चोट पहुंचाई है। भले ही फार्मा कंपनियां इस दौरान काम करती रही, मगर अभी इन्हें भी दोबारा पैरों पर खड़ा होने के लिए कुछ सप्ताह का समय लगेगा। सरकार की हिदायतों का पालन करते हुए बिजनेस को चलाने की जरूरत है ताकि काम भी पहले की तरह अच्छे से चल सकें और कोरोना को भी मात दे सकें। हालांकि पिछले कुछ दिन से दवाइयों को तैयार करने के लिए आर्डर भी पहले से ज्यादा आ रहे हैं। इस कारण कर्मचारियों के रोजगार पर भी असर नहीं पड़ेगा।