कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान जमकर कालाबाजारी हुई। जहां एक और ऑक्सीजन की कमी देखने को मिली वहीं दूसरी ओर बाजार में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन को भी बेचा गया। इस मामले में लिप्त आरोपियों की सूरत से लेकर इंदौर तक गिरफ्तारी हुई। ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग में प्रकरण दर्ज किया और कल 10 आरोपियों के खिलाफ ईडी ने अभियोजन शिकायत यानी प्रासिक्यूशन कम्प्लेंट्स के रूप में चार्जशीट पेश की। ईडी के द्वारा पेश की गई चार्जशीट के अनुसार, आरोपी इंदौर के और अन्य 6 आरोपी महाराष्ट्र और गुजरात के हैं।

सूरत में बनाए गए थे नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन

जांच में सामने आया कि सूरत एक फार्म हाउस में नकली इंजेक्शन तैयार किए थे। जिन्हें मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों में सप्लाई किया गया। इन नकली इंजेक्शन के कारण कई लोगों की मौत भी हो गई। गौरतलब है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान भारत में  रेमडेसिविर इंजेक्शन बाजार से गायब हो गए थे और ऊंची दरों पर बेचे गए। तब एक गिरोह ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन भी बनाकर बेच दिए और एक बड़े गिरोह की धरपकड़ इंदौर, सूरत सहित अन्य राज्यों की पुलिस ने की। इसमें इंदौर के भी चार आरोपी शामिल थे, जिन्होंने बड़ी संख्या में ये नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचे थे। उसके बाद ईडी ने कुछ लोगों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज किया, ताकि उनकी सम्पत्तियों को अटैच किया जा सके।

 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश

लोगों की जिदंगी से खिलवाड़ करने के आरोप में  ईडी ने कल स्पेशल कोर्ट इंदौर में 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश कर दी। ईडी ने आरोपियों के पास से पहले 1 करोड़ रुपए से अधिक की नकद राशि जब्त की थी। 10 आरोपियों में से चार आरोपी इंदौर निवासी हैं, जिसमें असीम भाले रविन्द्र नगर, प्रवीण फुलके तुलसी नगर, धीरज सजनानी विजय नगर और दिनेश चौधरी भी विजय नगर निवासी शामिल है। जबकि अन्य 6 आरोपी गुजरात और महाराष्ट्र के हैं, जिनमें एक आरोपी जयदेव सिंह सूरत, जयेश भाई प्रमोद गोदावत अहमदाबाद, रमीज सैय्यद हुसैन भी अहमदाबाद और पुनित गुनवंतीलाल शाह ठाणे महाराष्ट्र और कौशल वोहरा सूरत निवासी है। वहीं एक और आरोपी सुनील मिश्रा मध्यप्रदेश के रीवा में रहता है।

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