इंदौर में इन दिनों ड्रग्स तस्करी के खिलाफ पुलिस के द्वारा बड़ी कार्रवाही की जा रही है। इस मामले में अब तक वैसे लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है जो हत्या के आरोपी रह चुके हैं। 9 महीने के भीतर जिले में क्राइम ब्रांच और थानों ने 99 केस दर्ज कर 172 ड्रग्स पैडलर्स को गिरफ्तार किया जा चुका है।
बच्चों की आड़ में महिलाएं कर रही हैं ड्रग्स तस्करी
आरोपियों के पास से 2 करोड़ 45 लाख रुपए की 6 तरह की ड्रग्स जब्त हुई है। हैरानी वाली बात तो यह है कि इस तस्करी में महिलाएं भी शामिल हैं। ये महिलाएं बच्चों की आड़ ड्रग्स की तस्करी को अंजाम दे रही है। इस साल 8 महिलाओं को ड्रग्स की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है। एक दर्जन से अधिक महिलाएं इस नेटवर्क में शामिल हैं।
डीसीपी क्राइम ब्रांच निमिष अग्रवाल ने बताया कि शहर में 172 पैडलर्स के नेटवर्क को हम तोड़ चुके हैं, ये सघन इलाकों में युवाओं को ड्रग्स का आदी बना रहे थे। अभी भी शहर में 100 से ज्यादा ड्रग्स पैडलर्स हैं जिसकी जांच पुलिस कर रही है।
चप्पल और स्पोर्ट्स शूज के तले में ब्राउन शुगर छिपाई
2023 के 9 महीनों में क्राइम ब्रांच व अलग-अलग थानों में 99 एनडीपीएस एक्ट के केस दर्ज किए गए। इनमें गिरफ्तार 172 पेडलर्स छोटे पैमाने पर सप्लाय में लिप्त पाए गए। टीम ने सबसे बड़ी महिला ड्रग्स तस्कर सपना देवकर को पकड़ा तो उससे करीब 20 लाख की ब्राउन शुगर मिली थी। ये महिलाएं इन तरीकों से ड्रग्स तस्करी कर रही हैं ताकि पुलिस को भी शक ना हो। मुन्नीबाई ने चप्पल और स्पोर्ट्स शूज के तले में ब्राउन शुगर छिपाई थी। कुछ महिलाएं अंडर गार्मेंट्स में ड्रग्स लेकर आती हैं। इनकी जांच के लिए विशेष महिला स्क्वॉड भी पुलिस कमिश्नर ने तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
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गिरफ्तार हुई महिलाओं ने पुलिस को इस कारोबार में शामिल होने की वजह बताई गई। महिला ड्रग्स पैडलर्स ने बताया कि एक पुड़िया में सीधे 300 से 500 रुपए की बचत होती है। घरों में काम करने वाली कई महिलाएं गरीबी और तंगी के चलते इस धंधे का हिस्सा बनी हैं। महिला होने के कारण जांच एजेंसियां शक नहीं करती हैं। अब कई महिला पैडलर्स जेल भेजी जा चुकी हैं।
इन राज्यों से आ रही है ड्रग्स
एमडी ड्रग्स मुंबई से आती है। ब्राउन शुगर, चरस, अफीम, गांजा राजस्थान से आ रहा है। नशे की टेबलेट दवा बाजार, ड्रग्स कारोबारियों द्वारा सप्लाई हो रही है।