नई दिल्ली। डिसेंट्री की समस्या में आमतौर पर ली जाने वाली दवा नॉरफ्लॉक्स और दमा या ब्रांकाइटिस के मरीज को दी जाने वाली सिप्लॉक्स दवा के जानलेवा साइड इफेक्ट्स सामने आए हैं। ड्रग रेगुलेटर ने इन दवाओं को लेकर चेतावनी भी जारी कर दी है। वहीं, यूरोपियन ड्रग रेगुलेटर और यूएसएफडीए भी कार्रवाई में जुट गए हैं।

फ्लूरोक्विनोलोन्स ग्रुप की दवाओं पर चेतावनी जारी करते हुए केंद्रीय ड्रग कंट्रोलर ने राज्यों को चिठ्ठी लिखी है। यूरोपियन ड्रग रेगुलेटर और यूएसएफडीए भी इन दवाओं पर सख्त हो गए हैं। यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी ने इन दवाओं पर बैन की सिफारिश की है। बताया गया है कि इस ग्रुप की दवा खाने से मरीज कोमा में भी जा सकता है। इसके अलावा, एकाग्रता में कमी, पहचानने की क्षमता में कमी आ सकती है। इनसे नवर्सनेस, झल्लाहट, याददाश्त में कमी जैसी समस्या पैदा हो सकती है। नर्वस सिस्टम, ब्लड शुगर, मसल्स पर भी इनका बुरा प्रभाव पड़ सकता है। बता दें कि ओरल, इंजेक्शन और इनहेलर्स में इनका इस्तेमाल होता है। जिसको ध्यान में रखते हुए फ्लूरोक्विनोलोन्स ग्रुप की दवा की पैकिंग बदलेगी। अब इस ग्रुप की दवा के साथ कंपनियों को चेतावनी देनी होगी।