अम्बाला/अमृतसर। देशभर में ई-फार्मेसी के विरुद्ध एक मुहिम छिड़ी हुई है कि सरकार के नुमाइंदे भले ही वह किसी भी राजनीतिक पार्टी से हों या एफडीए के अधिकारी हों, सभी को पंजाब केमिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मिलकर कस्बा व जिला स्तर पर ज्ञापन दिए हैं। उनका कहना है कि केंद्र सरकार ने फार्मेसी में कदम रखने के लिए एक ऐसे व्यक्ति को अनुमति देने का मन बना रखा है जिसे दवा व्यवसाय की बारीकियों के प्रति कोई सरोकार नहीं है। अत: सरकार समय रहते आमजन की जान से खिलवाड़ ना होने देने के लिए चेत जाए तथा ई फार्मेसी के माध्यम से ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के विरुद्ध काम करने की इच्छा करने वालों को अविलंब रोक दे।
गौरतलब है कि कुछ वर्ष पहले भी ई फार्मेसी व ऑनलाइन अन्य उपकरणों की उपलब्धता का कई बार मामला सार्वजनिक हो चुका है कि कई ऑनलाइन विक्रेताओं द्वारा ऐसे कई उत्पाद ग्राहकों तक पहुंचा दिए गए जो उस कंपनी द्वारा बनाए ही नहीं गए थे। ऐसे में यदि ऑनलाइन विक्रेताओं के हाथ में दवा बिक्री का काम आ जाता है तो यही हश्र दवाओं के क्षेत्र में भी होने लगेगा कि ऐसी दवाइयां उपभोक्ताओं तक पहुंचेंगी जो निर्माता ने कभी बनाई ही नहीं। इसके चलते आमजन की जान से खिलवाड़ होना निश्चित है। क्या केंद्र सरकार ई- फार्मेसी के माध्यम से देशभर की जनता स्वास्थ्य के साथ खिलवाउ़ करने देने पर आमदा है। पंजाब केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेंद्र दुग्गल ने मेडिकेयर न्यूज को बताया कि देशभर के 850000 केमिस्टों का भविष्य अधर में है। वहीं आम जनता के स्वास्थ्य से भी खिलवाड़ को रोकने के लिए एसोसिएशन अपने सदस्यों की सुरक्षा हेतु वचनबद्ध है। अत: सरकार को समय से चेतना ही होगा।