UP Pharma Hub: उत्तर प्रदेश जल्द ही फार्मा का हब (UP Pharma Hub) बनने वाला है। योगी सरकार नई फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी-23 लेकर आने वाली है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाल ही एक बैठक आयोजित की जिसमें में 2018 की फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी में महत्वपूर्ण बदलाव पर चर्चा की गई। साल 2018 में ही फार्मास्युटिकल पॉलिसी बनाई गई थी। यूपी जीआईएस-23 में फार्मा क्षेत्र में आए निवेश प्रस्तावों को देखते हुए योगी सरकार ने पॉलिसी में कुछ अहम बदलावों की आवश्यकता महसूस की है। ऐसे में नई फार्मास्युटिकल पॉलिसी को लाने का निर्णय लिया गया है।
नई फार्मास्युटिकल पॉलिसी 5 सालों तक होगी मान्य (UP Pharma Hub)
नई फार्मास्युटिकल पॉलिसी आने वाले 5 सालों तक मान्य रहेगी। ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-23 का आयोजन फरवरी में किया गया था जिसमें 212 कंपनियों ने दवा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में दिलचस्पी दिखाई थी। इस पॉलिसी में 28,402 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव मिला था। यूपी में फार्मा हब बनने से तकरीबन 57 हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा।
लोगों को सस्ती मिलेगी दवाएं
सीएम योगी आदित्यानाथ के मुख्य सलाहकार जीएन सिंह ने बताया कि नई फार्मास्युटिकल नीति का उद्देश्य स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहित करना, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देकर नागरिकों को सस्ती दवाओं की उपलब्धता में सुधार करके राज्य के फार्मास्युटिकल और चिकित्सा उपकरण उद्योग में सुधार करना है।
नई नीति प्रदेश में फार्मा के विकास के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने पर केंद्रित है। योगी सरकार प्रदेश में फार्मास्युटिकल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए फार्मा इंडस्ट्री को सब्सिडी, प्रोत्साहन और भूमि आवंटन करने पर फोकस कर रही है।
जमीन खरीदने के लिए 50 प्रतिशत की छूट
नई फार्मास्युटिकल नीति का उद्देश्य अत्याधुनिक सुविधाओं की स्थापना और शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग करके अनुसंधान और विकास के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है। इस नई पॉलिसी के तहत सरकार इंडस्ट्री स्थापित करने के लिए जमीन की खरीदारी करने पर बैंक कर्ज में अधिकतम 7 वर्षों तक 50 प्रतिशत ब्याज पर अनुदान देगी, जो प्रति वर्ष अधिकतम एक करोड़ रुपये से अधिक नहीं होगा। नई पॉलिसी में फार्मा और मेडिकल डिवाइस पार्क पर खास ध्यान दिया जा रहा है।
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