नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने कोरोना के मरीजों को उम्र के हिसाब से अलग-अलग अस्पतालों में इलाज देने का फैसला किया है। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने 5 अस्पतालों को कोरोना के लिए पूरी तरह से तैयार किया है। इनमें आंबेडकर और डीडीयू को 50 साल से कम उम्र के ही मरीजों का इलाज करने को कहा गया है। 50 साल से ज्यादा उम्र के मरीजों को एलएनजेपी या राजीव गांधी सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में रेफर करने का आदेश दिया गया है। इसके पीछे तर्क यह है कि उम्र ज्यादा होने पर खतरा ज्यादा है, इसलिए बड़े अस्पतालों में इलाज बेहतर हो पाएगा और वहां पर इन मरीजों को वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी।
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने राजधानी में अपने 5 अस्पतालों को कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए पूरी तरह से तैयार किया है। यहां बेड की क्षमता 800 थी, जिसे बढ़ाकर 2050 कर दिया गया है। अब इलाज और मरीजों को रेफर करने की उम्र भी तय कर दी गई है। अस्पतालों में काम करने वाले स्टाफ को उनकी फैमिली को संक्रमण से बचाए रखने के लिए होटल या हॉस्टल की व्यवस्था करने को कहा गया है। मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के अंतर्गत एलएनजेपी अस्पताल और जीबी पंत अस्पताल आते हैं। अब ये दोनों अस्पताल कोरोना के इलाज में लगाए जा रहे हैं। जीबी पंत के अमीर चंद ब्लॉक में इसकी तैयारी चल रही है। चूंकि कोरोना के मरीजों में वेंटिलेटर की जरूरत होती है, इसलिए जीबी पंत के वेंटिलेटर का इस्तेमाल इसमें किया जाएगा। बैठक में फैसला लिया गया है कि एलएनजेपी से ऐसे मरीज जीबी पंत में शिफ्ट किए जाएंगे।