हर कोई चाहता है कि उसके होंठ मुलायम और गुलाबी हों, लेकिन अगर होंठों के कोनों में सूजे हुए धब्बे और लालिमा नजर आए तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यह एंगुलर चेइलिटिस हो सकता है। एंगुलर चेइलिटिस में होठों के किनारों में जलन और खराश महसूस होती है, जिससे खाने में तकलीफ हो सकती है। यह मुंह के एक या दोनों तरफ हो सकता है। अन्य लक्षणों में रूखापन, सूजन, लालिमा या ब्लीडिंग हो सकती है। यही नहीं दर्द भी महसूस हो सकता है। एंगुलर चेइलिटिस के होने में यीस्ट इन्फेक्शन आम कारण हो सकता है जो कि लार की वजह से होता है।

www.myupchar.com से जुड़ीं डॉ. अप्रतिम गोयल के अनुसार, होठों के कटने-फटने में चेलाइटिस की मुख्य भूमिका होती है। इसमें होठों के कोने कट जाते हैं और होठों पर दरारें बन जाती हैं। मौसम में बदलाव, क्रोन्स जैसी बीमारी, दांतों की परेशानी, बहुत ज्यादा लार आना इसके प्रमुख कारण हो सकते हैं।

मुंह के किनारों में लार लगातार होने से त्वचा में दरार आ जाती है। इससे जब फटी त्वचा को चाटते हैं तो गर्माहट और नमी से फंगस और इन्फेक्शन बढ़ने का जोखिम होता है। एंगुलर चेइलिटिस उन लोगों के होने का अधिक जोखिम रहता है, जिन्हें मुंह के कोने ज्यादा समय से नम होते हैं। उन लोगों के लिए ज्यादा आशंका रहती है, जिनके ब्रेसिस लगे हों। डेन्चर पहनते हों, जो अच्छे से फिट न हो, जिन्हें होठों को बार-बार चाटने की आदत हो। वे लोग भी शिकार हो सकते हैं जिन्हें ज्यादा लार बनती है या दांत टेढ़े-मेढ़े होते हैं। यही नहीं अगर किसी का वजन घटा हो तो त्वचा ढ़ीली होने के कारण भी यह हो सकता है। एंगुलर चेलाइटिस की समस्या छोटे शिशुओं से लेकर बड़े वयस्कों में भी हो सकती है। वे बच्चे जो ज्यादा अंगूठा चूसते हैं उन्हें भी इसका जोखिम होता है।

डॉक्टर मुंह का करीब से परीक्षण कर एंगुलर चेइलिटिस के लक्षणों का पता लगाते हैं। अगर यह बीमारी निकलती है तो फंगल इन्फेक्शन से बचाव के लिए एंटीफंगल क्रीम देते हैं। लेकिन अगर बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण यह समस्या हुई है तो एंटी बैक्टीरियल दवाएं लिखेंगे। अगर ये दोनों ही कारण नहीं हैं तो पेट्रोलियम जेली लगाने की सलाह देंगे। विटामिन बी, फोलेट और आयरन से भरपूर आहार का सेवन इससे बचाता है।

एंगुलर चेइलिटिस को घरेलू उपचार से भी रोक सकते हैं। अधिक मात्रा में पानी पीने से रोग ठीक होने में मदद मिलती है। इसके लिए अच्छी क्वॉलिटी के लिप बाम का इस्तेमाल करें जो कि फटे और सूखे होंठ होने से बचाएगा। बेहतर होगा कि नियमित रूप से होठों के किनारों पर पेट्रोलियम जेली लगाए। नारियल तेल का इस्तेमाल सबसे अच्छा है। www.myupchar.com से जुड़ीं डॉ. अप्रतिम गोयल का कहना है कि दो बड़े चम्मच चीनी, एक छोटा चम्मच शहद और एक बड़ा चम्मच नारियल तेल मिला लें। इस मिश्रण को अपने होठों पर एक मिनट के लिए रगड़ें और फिर ठंडे पानी से धो लें। यह सप्ताह में दो बार करें। यदि समस्या लंबे समय से बनी है तो डॉक्टर से इलाज करवाना चाहिए।