रोहतक (हरियाणा)। एंटीबायोटिक दवा की काउंटर बिक्री करने पर रोक लगा दी गई है। अब मेडिकल स्टोर संचालक डॉक्टर की पर्ची पर ही एंटीबायोटिक दवाओं की बिक्री कर सकेंगे। इसके लिए सरकार ने एडवाइजरी जारी कर दी है। मरीज को भी इस बात का ध्यान रखना होगा कि वह किसी कैमिस्ट शॉप पर जाएं तो अपनी मर्जी से एंटीबायोटिक दवा न खरीदें। इसके लिए रजिस्टर्ड डॉक्टर का लिखा पर्चा अनिवार्य हो गया है।
डॉक्टर को भी बताना होगा संक्रमण का नाम
सरकार ने चिकित्सकों को भी आदेश दिए हैं कि उन्हें मरीज को एंटीबायोटिक दवा लिखने का उचित कारण बताना होगा। चिकित्सक को लिखना होगा कि मरीज को कौन सा संक्रमण हुआ है, जिसके कारण उसे एंटीबायोटिक दवा देना जरूरी है। वहीं, मेडिकल स्टोर संचालकों को भी कहा गया है कि वे केवल रजिस्टर्ड डॉक्टर के पर्चे पर ही मरीज को एंटीबायोटिक दवा दें।
सरकार ने जारी की एडवाइजरी
गौरतलब है कि एंटीबायोटिक दवा के इस्तेमाल को लेकर भारत सरकार ने हाल में एडवाइजरी जारी की है। इसमें बताया गया है कि एंटीबायोटिक दवाओं के ज्यादा इस्तेमाल से एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस तेजी से बढ़ रहा है। इससे आगामी समय में प्रभावी एंटीबायोटिक दवाएं भी असर करना बंद कर देंगी। बताया गया है कि 2019 में 1.27 मिलियन वैश्विक मौतें ड्रग रेजिस्टेंस के कारण हुई है। वहीं, 4.95 मिलियन मौत संक्रमण में एंटीबायोटिक दवाओं के असर नहीं होने से हुई है।
दवाओं का अनावश्यक इस्तेमाल रोकने के लिए उठाया कदम
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक ने मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों और सभी मेडिकल व फार्मासिस्ट एसोसिएशन को पत्र लिखा है। इसमें एंटीबायोटिक दवाओं की काउंटर बिक्री बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। पत्र में एंटीबायोटिक दवाओं का अनावश्यक इस्तेमाल रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। प्रचलित एंटीबायोटिक दवाओं के अत्यधिक इस्तेमाल से इनका असर कम हो गया है। नई एंटीबायोटिक दवाएं अभी नहीं बनी हैं।