मुंबई। कोरोना को मात देने के लिए कई प्रयास किए जा रहे है। देश भर में वैक्सीनेशन के साथ -दवाओं पर भी काम किया जा रहा है। अब तो बाजार में कई ऐसी दवाएं आ चुकी है जो कोरोना को आसानी से हरा सकती है। इन्हीं में एक दवा है वो है ‘एंटीबॉडी कॉकटेल’। जो कोरोना के मरीजों को आसानी से ठीक कर सकती है। दरअसल आपको याद होगा पिछले साल अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कोरोना होने के बाद एंटीबॉडी कॉकटेल की दवा दी गई थी। इस कॉकटेल दवा को कोराना के इलाज में ‘रामबाण’ की तरह माना जाता है। इस साल मई के महीने में भारत में भी कोरोना के इलाज़ के लिए इस दवा को मंजूरी दी गई। इसकी एक डोज़ की कीमत करीब 60 हज़ार रुपये है। महंगे होने के बावजूद इस दवा की महाराष्ट्र में भारी डिमांड है। और वह भी छोटे शहरों में।

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक कोरोना की इस कॉकटेल दवा का इस्तेमाल इन दिनों महाराष्ट्र के सोलापुर ज़िले में अकलुज और कोल्हापुर ज़िले के जयसिंहपुर में जमकर किया जा रहा है। यहां 20 जून से ये दवा मिल रही है। ये दो दवाओं का मिश्रण है जिसमें कैसीरीविमैब और इमडेवीमैब शामिल है। ये कॉकटेल कोरोना के गंभीर मरीजों को दिया जाता है। आमतौर पर ऐसे मरीज़ जो ‘हाई रिस्क’ ग्रुप में आते हैं।

जयसिंहपुर के एक फिजिशियन प्रवीण जैन ने कहा कि उन्होंने अब तक 20 मरीजों का इलाज इस कॉकटेल दवा से किया है। इनमें से ज्यादातर की उम्र 60 साल से ज्यादा थी। इतना ही नहीं एक 86 साल के मरीज़ को भी ये दवा दी गई। बता दें कि इस कॉकटेल की सिंगल डोज़ ड्रिप के जरिए दी जाती है। इसे देने में करीब 45 मिनट का समय लगता है। इसके बाद मरीज़ों पर 30-60 मिनट या फिर 24 से 48 घंटे तक निगरानी में रखी जाती है। अकलुज क्रिटकल केयर और ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टर धनेश गांधी का कहना है कि वो अब तक इस कॉकटेल दवा से करीब 52 मरीजों का इलाज कर चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘तीन मरीजों को छोड़ कर बाक़ी लोग 48 घंटे के अंदर रिकवर कर गए। अकलुज में कम से कम चार और नर्सिंग होम हैं जहां इस कॉकटेल का इस्तेमाल किया जा रहा है।