जमशेदपुर। टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) में टाटा स्टील के कर्मचारियों को एक्सपायर हो चुकी दवाइयां दी जा रही है। उपयोग की तारीख समाप्त होने से इन दवाओं का मरीजों पर कुछ असर नहीं होता है। इस मामले में अस्पताल के अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई है। इस बात का खुलासा टाटा स्टील प्रबंधन और टाटा वर्कर्स यूनियन की संयुक्त कमेटी, ज्वाइंट कंसल्टेटिव कमेटी ऑफ मैनेजमेंट (जेसीसीएम) की बैठक में  हुआ। एक्सपायरी दवा का मसला आते ही टाटा स्टील के एमडी सह सीइओ टीवी नरेंद्रन ने वाइस प्रेसिडेंट (सीएस) चाणक्य चौधरी को इसकी जांच करने का आदेश दिया। इससे पहले जेसीसीएम की बैठक हुई। बैठक में यूनियन के उपाध्यक्ष शत्रुघ्न राय ने बताया कि अस्पताल में कुछ दवाओं के एक्सपायर होने की तारीख हफ्तेभर से भी कम होती है, जबकि दवा एक महीने के लिए दी जाती है। इस पर प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन ने कहा कि ऐसा अगर होता है तो यह बेहद गंभीर मामला है। ऐसा प्रैक्टिस गलत संदेश देता है। उन्होंने तत्काल वाइस प्रेसिडेंट (सीएस) चाणक्य चौधरी को पूरे मामले पर जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया।
मालूम हो कि टाटा स्टील में स्थायी व सेवानिवृत्त कर्मचारी टीएमएच में ही इलाज कराते हैं और उन्हें नि:शुल्क चिकित्सकीय परामर्श के साथ दवा भी दी जाती है। पहले भी कई फोरम में कमेटी मेंबर से लेकर कर्मचारी इस मामले उठा चुके हैं, लेकिन एमडी के सामने पहली बार मामला उठा और तत्काल कार्रवाई हुई। हालांकि इस बैठक में हुई बातचीत के ब्योरे से कॉरपोरेट कम्युनिकेशन हेड सिद्धार्थ बोर्तामुली ने अनभिज्ञता जाहिर की और कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।