फैजाबाद : ड्रग इंस्पेक्टर पीसी रस्तोगी को जब निरीक्षण के दौरान किसी भी दवा दुकान पर फार्मासिस्ट नहीं मिला तो उन्होंने सभी जगह दवा की खरीद/ बिक्री पर रोक लगा दी। ड्रग इंस्पेक्टर के मुताबिक, जिले में करीब 850 के आसपास फुटकर दवा दुकाने हैं। कागजों में तो सबके पास फार्मासिस्ट हैं लेकिन मौके पर ड्रग विभाग को एक भी नहीं मिलता। ड्रग इंस्पेक्टर जब निरीक्षण करने पहुंचते है तो कभी बताया जाता है कि फार्मासिस्ट बाजार गया है तो कभी खाने-पीने के लिए बाहर जाने का बहाना बना देते हैं। जहां बात बन जाती है, वहां तो ठीक है लेकिन जहां मामला अटका तो दवा दुकान सील। इस बार भी ऐसा ही देखने को मिला। ड्रग इंस्पेक्टरजिन तीन दुकानों पर पहुंचेे तो वहां यही बताया गया कि फार्मासिस्ट निजी काम से कहीं गया है। निरीक्षण के दौरान दर्द निवारक दवा के दो सैंपल अग्रवाल मेडिकल स्टोर, देवकाली रोड से लिए गए।
      ड्रग इंस्पेक्टर प्रभावी कार्रवाई के बजाय निरीक्षण रिपोर्ट औषधि अनुज्ञापन प्राधिकारी को सौंपता है। ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि तीनों दवा दुकानों के निरीक्षण के दौरान फार्मासिस्ट न मिलने पर दवा की खरीद-बिक्री अग्रिम आदेश तक प्रतिबंधित कर दी गई है। निरीक्षण रिपोर्ट औषधि अनुज्ञापन प्राधिकारी पीके तिवारी को सौंपी जाएगी। वहीं फार्मासिस्ट न मिलने वाली दुकानों को नोटिस जारी होगा। जवाब से संतुष्टि नहीं मिली तो लाइसेंस निलंबन भी हो सकता है।
     बता दें कि इससे पहले भी निरीक्षण में अधिकतर मेडिकल स्टोर्स में फार्मासिस्ट नहीं मिलते। दवा दुकानों में फार्मासिस्टों की अनिवार्यता के लिए ऑनलाइन रिनीवल/लाइसेंस के लिए फार्मासिस्ट का रजिस्ट्रेशन नंबर और आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसा इसलिए कि लाइसेंस बनवाने और रिनीवल में फार्मासिस्टों के नाम पर चल रहे फर्जीवाड़े पर रोक लगाई जा सके। एक फार्मासिस्ट अब कई दुकानों पर अपना रजिस्ट्रेशन नंबर देकर रिनीवल तथा लाइसेंस नहीं बनवा सकेंगे। फर्मासिस्टों का पंजीकरण नंबर दूसरी बार मिलने पर कंप्यूटर तत्काल पकड़ लेगा।
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