बिलासपुर। रायपुर स्थित सरकारी लैब में दवा की जांच और रिपोर्ट तैयार करने में बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है। बिलासपुर में लक्ष्मी मेडिकल स्टोर से बायारेक्स सीरप और नाइट्रोसन टेबलेट जांच रिपोर्ट में अमानक मिली थी। ड्रग विभाग ने जब इसी दवा के सेम बैच को उसी सरकारी रिपोर्ट में जांच के लिए भेजा तो यह यही पाई गई। एक ही दवा की दो रिपोर्ट के चलते सरकारी लैब में अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका संदेह के दायरे में आ गई है। ड्रग विभाग ने इसकी जानकारी कंट्रोलर को भेजी है। गौरतलब है कि पुलिस ने नशीली दवाओं की शिकायत पर लक्ष्मी मेडिकल स्टोर से दो दवाइयां जब्त की थी। मेडिकल संचालक के खिलाफ एनडीपीएस की धाराओं के तहत कार्रवाई भी हुई।
पुलिस ने दोनों दवाओं को जांच के लिए सरकारी लैब भेजा और कुछ महीने बाद इसकी रिपोर्ट अमानक मिली। इसकी एक कॉपी ड्रग विभाग को उपलब्ध कराई गई थी। ड्रग कंटोलर ने असिस्टेंट ड्रग कंटोलर राजेश क्षत्रिय को निर्देश दिया कि इसी बैच की दवा जब्त कर इसकी भी जांच कराई जाए। तब बिलासपुर में इस बैच की बायोरेक्स और नाइट्रोसन के सैंपल लेकर इन्हें भी रायपुर की लैब में जांच के लिए भेजा गया। ड्रग विभाग की रिपोर्ट में यह दवाएं पास हो गईं।
एक ही दवा की दो अलग-अलग रिपोर्ट को देखकर खुद अफसरों के होश उड़ गए। ड्रग विभाग ने कंट्रोलर को इसकी जानकारी भेज दी है। बिलासपुर के असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर राजेश क्षत्रिय का कहना है कि हमारी रिपोर्ट बायोरेक्स और नाइट्रोशन की दवा पास हो गई है। ये रिपोर्ट रायपुर स्थित सरकारी लैब की है। ये वही दवा की बैच है, जो पुलिस ने जांच के लिए भेजी थी। उन्होंने लक्ष्मी मेडिकल स्टोर से उस दवा के सैंपल लिए थे। पुलिस की जांच में यह फेल है। हमने इसकी जानकारी ड्रग कंट्रोलर को भेज दी है।