प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)। खुसरोबाग के पास दो हफ्ते पहले दवा व्यापारी धीरज राजदेव से लूट के मामले में पुलिस ने दवा कंपनी के एमआर समेत तीन बदमाशों को मुठभेड़ के बाद दबोच लिया। वहीं, चार लुटेरे भागने में सफल रहे। पूछताछ में पता चला कि एमआर ने ही लूट की साजिश रची थी। बदमाशों के कब्जे से 70 हजार रुपये और असलहे बरामद हुए हैं। लूकरगंज निवासी दवा कारोबारी धीरज राजदेव 13 जुलाई की रात लीडर रोड स्थित दुकान से बाइक से घर लौट रहे थे। खुसरोबाग की दीवार के बगल से गुजरते समय दो बाइक सवार छह बदमाशों ने तमंचा सटाकर उनका बैग लूट लिया था। बैग में एक लाख रुपये थे। खुल्दाबाद थाना प्रभारी रोशनलाल ने पुलिस बल के साथ घेराबंदी कर चौफटका फ्लाइओवर के पास बदमाशों को घेर लिया। बदमाश फायरिंग करने लगे। पुलिस ने भी सख्ती दिखाते हुए तीन बदमाशों को दबोच लिया जबकि दो बाइक पर चार लोग वहां से गोलियां चलाते हुए भागने में सफल रहे। पकड़े गए लोगों में करेली के बारा मार्केट का आलमगीर, दरियाबाद का तारिक उर्फ जमा खान और शादाब उर्फ शानू हैं। पकड़े गए तीनों बदमाशों के कब्जे से एक-एक तमंचा, पांच कारतूस और 70 हजार से ज्यादा नगदी मिली। पूछताछ में इन तीनों ने कुबूला कि दवा कारोबारी धीरज से लूट की वारदात फरार हुए चार साथियों रूफी, इमरान आदि के साथ की थी। आलमगीर एक दवा कंपनी का एमआर है। उसने ही दवा व्यापारी को लूटने पर लाखों रुपये मिलने का लालच दिखाया था। रेकी कर वारदात को अंजाम दिया गया था। घटना वाली रात भी वह धीरज के पीछे दुकान से चला था। पुलिस का दावा है कि इन्हीं लुटेरों ने 18 मई को हिंदी साहित्य सम्मेलन के पास सराफ अभिषेक सोनी से गहने-नगदी, 13 मई को सिविल लाइंस में नगदी और मोबाइल फोन, धूमनगंज में व्यापारी प्रदीप गुप्ता से लूटपाट की थी। लुटेरों में शानू उर्फ शादाब लूट का शतक लगा चुका है। एमआर आलमगीर के मुताबिक, शानू के सामने जब उसने लूटने का प्रस्ताव रखा तो शानू ने कहा कि वह लूट की 100 से अधिक वारदात कर चुका है। हालांकि तमाम घटनाओं की रिपोर्ट नहीं लिखी गई। शानू के खिलाफ 14 मामले कई थानों में दर्ज है। इन लुटेरों का सुराग लगाने में पुलिस को सीसीटीवी कैमरे की फुटेज मददगार रही। एक फुटेज में बाइक पर पीछे बैठे शानू को पुलिस के मुखबिर ने पहचान लिया। इसके बाद धरपकड़ की गई।