इंदौर। एमवाय अस्पताल में पहली बार मरीज का बोन मैरो ट्रांसप्लांट किया गया। इसके लिए विशेष रूप से फोर्टिस अस्पताल गुड़गांव के विशेषज्ञ डॉ. राहुल भार्गव अपनी टीम के साथ एमवाय पहुंचे। इंदौर का यह 35 वर्षीय मरीज तीन साल से मल्टीपल माइलोमा से पीड़ित है। ऑपरेशन के बाद करीब महीनेभर तक मरीज को यूनिट में ही रखा जाएगा। डॉक्टरों की टीम लगातार निगरानी करेगी। बोनमैरो ट्रांसप्लांट यूनिट पांच करोड़ रुपए की लागत से बनी है। अस्पताल अधीक्षक डॉ. वीएस पाल ने बताया कि मरीज के शरीर से टिश्यु निकालकर उसी के शरीर में ट्रांसप्लांट किया जाएगा। इसके बाद मरीज को विशेष निगरानी में रखा जाएगा। वहीं 5 मार्च को नीमच की एक महिला का बोनमैरो ट्रांसप्लांट किया जाएगा। 40 वर्षीय यह महिला छह महीने से कैंसर अस्पताल में इलाज करवा रही है। गौरतलब है कि बोनमैरो ट्रांसप्लांट पर सामान्यत: 20 से 25 लाख रुपए लगते हैं।
गौरतलब है कि इस यूनिट का उद्घाटन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 20 जनवरी को किया था। हाल ही में यूनिट की कल्चर रिपोर्ट निगेटिव मिलने के बाद ट्रांसप्लांट का रास्ता साफ हो गया। प्रदेश में किसी सरकारी अस्पताल में होने वाला यह पहला बोनमैरो ट्रांसप्लांट है। डॉक्टरों का कहना है कि मल्टीमल माइलोमा की शुरुआत हड्डियों में दर्द और बुखार से होती है। यह मरीज भी इन्हीं लक्षणों के साथ अस्पताल आया था। जांच के बाद बीमारी का पता चला। उसे कीमोथैरेपी भी दी जा रही है। ट्रांसप्लांट के बाद उसे इन सभी दिक्कतों से निजात मिल जाएगी।
इन दो सफल ट्रांसप्लांट के एक-दो माह बाद से इस यूनिट में थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों के बोनमैरो ट्रांसप्लांट शुरू होंगे। इसके लिए पिछले दिनों रजिस्ट्रेशन किए गए थे। अब तक 150 से अधिक बच्चों ने रजिस्ट्रेशन करवा लिए हैं। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू होने के बाद ही इसके लिए प्रदेशभर में कैंप भी लगाए गए थे। अस्पताल में मल्टीपल माइलोमा और इससे जुड़ी बीमारी के एक दर्जन से ज्यादा मरीज भर्ती हैं। एमवायएच में गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले मरीजों के लिए यह सुविधा मुफ्त रहेगी, जबकि दूसरे वर्ग को तीन से पांच लाख में यह सुविधा मिलेगी।