नई दिल्ली। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के उपक्रम राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास निगम (एनआरडीसी) ने कोविड-19 के उपचार एवं बचाव तकनीक की सूची में पांच जड़ी-बूटियों से बनी आयुर्वेदिक दवा फीफाट्रोल को भी शामिल किया है। एनआरडीसी द्वारा जारी कोविड तकनीकों के संकलन में कहा गया है कि फीफाट्रोल शरीर के प्रतिरोधक तंत्र को मजबूत बनाती है व विषाणु एवं जीवाणु जनित संक्रमणों से भी बचाव करती है।

आयुर्वेद की एंटीबॉयोटिक से लेकर अशोक के पत्ते तक संक्रमण को मात दे सकते हैं। आयुर्वेद के आधार पर वैज्ञानिक व औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) अध्ययन कर रही है। विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्रालय के राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास निगम (एनआरडीसी) के अनुसार आयुर्वेद एंटीबॉयोटिक फीफाट्रोल लंबे शोध के बाद इन्हे एमिल फार्मास्युटिकल ने तैयार किया है। जिसका इस्तेमाल प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में किया जा सकता है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने ट्रायल के लिए आवेदन किया है।
अशोक के पत्ते और हरी चिरेटा में संक्रमण को कमजोर करने के प्रभावकारी तत्व शामिल हैं। इसीलिए सीडीआरआई लखनऊ की लैब में वैज्ञानिक पौधों पर शोध कर रहे हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका के विस्कॉन्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय के साथ मिलकर भारत बॉयोटेक नाक के द्वारा दी जाने वाली वैक्सीन बनाने में जुटा है जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोरो फ्लू नाम से जाना जाएगा। वैक्सीन की 30 करोड़ डोज दुनियाभर में पहुंचाई जाएंगी।