नई दिल्ली: डॉ. एम.सी. मिश्रा के नेतृत्व में बतौर निदेशक अंतिम क्षणों का अनुभव हासिल कर रहे राजधानी स्थित एम्स ने इस सर्वोच्च पद के लिए 62 वर्षीय नए अध्यक्ष की खोज आरंभ कर दी है। नए वर्ष यानी 2017 के पहले महीने की अंतिम तारीख के साथ डॉ. मिश्रा का निदेशक रूप में एम्स से अध्याय समाप्त हो जाएगा।
वैसे उनके अनुभव का लाभ लेने के लिए सरकार सलाहकार या अन्य किसी पद पर उनकी सेवा ले सकती है। खुद डॉ. एम.सी. मिश्रा यदि चाहें तो जनता की भलाई के लिए अपना कीमती समय निस्वार्थ सेवा के रूप में एम्स को दे सकते हैं। लेकिन अधिकारिक तौर पर 31 जनवरी, 2017 को निदेशक पद से उनकी सेवा समाप्त हो जाएगी।
गौरवमयी इतिहास संजोए एम्स के सफर में डॉ. मिश्रा 14वें सारथी हैं, जिन्होंने पहले निदेशक प्रोफेसर बालाचंद्र बाबाजी दीक्षित (1956) द्वारा निर्मित भगवान धनवंतरी की विरासत धारण किए इस रथ को तरक्की की दिशा में हांका।
अनियमितता, भ्रष्टाचार की गूंज के बीच उपलब्धियों का डंका भी डॉ. मिश्रा के कार्यकाल में खूब बजा। इस बीच यह चर्चा भी जोर पकड़ रही थी कि 12 नवंबर को होने वाले दीक्षांत समारोह के बहाने डॉ. एम.सी मिश्रा केंद्र सरकार को एक्सटेंशन की अर्जी दे सकते हैं, लेकिन एम्स ने निदेशक पद के लिए रिक्ति सार्वजनिक कर इन सारी चर्चाओं पर विराम लगा दिया।
अब तक निदेशक पद पर एम्स में सेवारत्त किसी वरिष्ठ चिकित्सक को इस पद पर नियुक्ति मिलती रही है, लेकिन कोई बाहरी उम्मीदवार इस बार एम्स के सर्वोच्च पद पर सुशोभित हो जाए तो कौतुहल न होगा।
एम्स के उपनिदेशक, प्रबंधक वी.श्रीनिवास के मुताबिक, तय शर्तों को पूरा करने वाले उम्मीदवार 15 नवंबर, 2016 तक इस पद के लिए आवेदन कर सकते हैं।