जबलपुर। जिले में अब ऑक्सीजन सिलेंडर की भी कालाबाजारी शुरू हो गई। कोरोना संक्रमितों के लिए जरूरी ऑक्सीजन सिलेंडर के व्यवसायिक उपयोग पर कलेक्टर ने रोक लगा दी है। बावजूद जैनम ऑक्सीजन प्लांट से रिछाई स्थित आरुष टेक्नोक्राफ्ट को सप्लाई कर दिया था। खबर पाकर तहसीलदार की अगुवाई में टीम ने दबिश दी और ऑक्सीजन सिलेंडर जब्त कर लिए। अब मामले में तहसलदार और औद्योगिक विभाग द्वारा एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी है।

जानकारी के अनुसार जिले में ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी शुरू हो गई है। 150 रुपए में मिलने वाला एक ऑक्सीजन सिलेंडर की कीमत 300 रुपए हो चुकी है। ऑक्सीजन की इसी कमी को देखते हुए प्रशासन ने व्यवसायिक प्रयोग पर रोक लगा दी थी। तहसीलदार रांझी नीरज तखरया के मुताबिक सोमवार को खबर मिली थी कि जैनम ऑक्सीजन प्लांट से रिछाई स्थित आरुष टेक्नोक्राफ्ट को सप्लाई की गई है। इसके बाद आरुष टेक्नोक्राफ्ट परिसर में दबिश दी गई। मौके पर दो भरे हुए ऑक्सीजन सिलेंडर और 10 कार्बनडाई ऑक्साइड के सिलेंडर जब्त किए गए। आरुष टेक्नोक्राफ्ट को सील कर दिय गया है। अब दोनों प्लांट मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी है। इस मामले में उद्योग विभाग भी एफआईआर दर्ज कराएगी।

प्रशासन ने रविवार को 5400 रुपए एमआरपी वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी की सूचना पर मढ़ाताल गुरुद्वारा स्थित न्यू मुनीश मेडिकोज के यहां छापा मारा था। एसडीएम आशीष पांडे की अगुवाई में ये कार्रवाई हुई थी। दुकान के दो कर्मियों ने एक इंजेक्शन के एवज में 18 हजार रुपए मांगे थे। इस मामले का वीडियो सामने आने के बाद ये कार्रवाई हुई थी। मौके पर ड्रग इंस्पेक्टर और ओमती पुलिस भी पहुंची थी।

पुलिस ने मौके से दुकान के दोनों कर्मी सुदामा बघेल और नितिन विश्वकर्मा को हिरासत में ले लिया। एसडीएम ने मौके प दावा किया था कि ड्रग विभाग कार्रवाई करेगा। पर 24 घंटे बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। ड्रग विभाग का प्रतिवेदन नहीं मिलने पर ओमती पुलिस ने भी हिरासत में लिए गए दोनों कर्मियों को छोड़ दिया। एसआई सतीष झारिया के मुताबिक बिना किसी आधार के वह किसी को 24 घंटे से अधिक थाने में नहीं रख सकते थे।