नई दिल्ली। ऑनलाइन दवा बिक्री पर नीति बनाने के लिए केंद्र ने अदालत से और समय देने का आग्रह किया है। केंद्र ने दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा है कि दवाओं की ‘ऑनलाइन’ बिक्री का मुद्दा बड़ा जटिल है। दवाओं की बिक्री के तरीके में कोई भी संशोधन करने के दूरगामी परिणाम होंगे।
कोर्ट ने चार माह का दिया समय
दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को नीति तैयार करने के लिए अंतिम अवसर के रूप में चार माह का समय दिया है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ ने स्पष्ट किया कि यदि सुनवाई की अगली तारीख से पहले मसौदा नीति तैयार नहीं हुई तो अदालत मामले को आगे बढ़ाएगी। इसके अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं होगा।
मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ऑनलाइन दवाओं की अवैध बिक्री पर प्रतिबंध लगाने और दवाओं तथा सौंदर्य प्रसाधन नियमों में संशोधन के लिए मंत्रालय द्वारा प्रकाशित मसौदा नियमों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा थी। इस मामले की अगली सुनवाई के लिए आठ जुलाई की तारीख तय की है।